Loading...
अभी-अभी:

आज है माघी पूर्णिमा, स्नान-दान का है विशेष महत्व

image

Feb 10, 2017

माघ मास की पूर्णिमा के दिन को पुराणों में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. हालांकि पुराणों में कहा गया है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन बस नदी में सच्चे मन से डुबकी लगाना ही काफी होता है। बता दें कि इलाहाबाद में संगम तट पर पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले माघ के स्नान एक महीने बाद आज के दिन माघी पूर्णिमा पर समाप्त हो जाते हैं. कल्पवास के बाद माघ का अंतिम स्नान इस पूर्णिमा के दिन ही होता है। इस दिन किए गए यज्ञ, तप और दान का विशेष महत्व बताया जाता है. माघ मास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की खास पूजा होती है. भोजन, वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है. माघ पूर्णिमा में सुबह में सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करके भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए।

किस विधि से करें पूजन 
माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसमें केले के पत्ते व फल, पंचामृत, सुपारी, पान, तिल, मौली, रोली, कुमकुम, दुर्वा का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही साथ आटे को भूनकर उसमें चीनी मिलाकर चूरमे का प्रसाद बनाया जाता है और इसका भोग लगता है। मान्यता है कि सभी देवता माघ मास में गंगा स्नान के लिए पृथ्वी पर आते हैं. मानव रूप में वे पूरे मास भजन-कीर्तन करते हैं और यह देवताओं के स्नान का अंतिम दिन होता है. स्नान करने के समान ही पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है।