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190साल पुरानी परंपरा, होली के चार दिन पहले निकलती है सेठ नाथूराम की बाजे के साथ बारात

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Mar 5, 2020

रायपुर: देश के विभिन्न शहरों, गांवों में विविध परंपराओं के मुताबिक होली का पर्व खुशियों और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वहीं, ऐसी ही एक अनूठी परंपरा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हृदय स्थल सदर बाजार में देखने को मिलती हैं जहां पर 'सेठ नाथूराम' के बारात निकालने की परम्परा निभाई जाती है। ऐसी परंपरा संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कहीं और नहीं निभाई जाती हैं। वहीं, होली के चार दिन पहले सेठ नाथूराम की प्रतिमा को वाहन पर विराजित करके गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली जाती है।

देर रात तक फाग गीत गाकर खुशियां मनाने का दौर

इस बारात में युवा, बुजुर्ग राजस्थानी फाग गीत गाते और खुशियों से झूमते हुए सत्ती बाजार से निकलकर सदरबाजार स्थित नाहटा मार्केट पहुंचते हैं। वहीं, यहां पर सेठ नाथूराम की प्रतिमा को विराजित करके पूजा-अर्चना भी की जाती है। यह परम्परा लगातार पांच दिनों तक विधिवत पूजा, आरती करके देर रात तक फाग गीत गाकर खुशियां मनाने का दौर चलता है। बीते 45 सालों से बारात में सम्मलित हो रहे दिलीप शर्मा छापरवाल, ओमप्रकाश शर्मा, झुम्मर शर्मा, रघुनाथ शर्मा, जितेंद्र शर्मा बताते हैं कि बचपन से वे सदरबाजार की अनोखी परंपरा में भाग ले रहे हैं। उन्होंने अपने बुजुर्गों से सुना है कि यह परंपरा 190 वर्षो से अनवरत निभाई जा रही है।