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रतनपुर महामाया मंदिर में साल के 365 दिन लगती है भक्तों की भीड़

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Mar 19, 2018

कोरिया जिले के खड़गवां विकासखंड में रतनपुर महामाया मंदिर में यूं तो साल के ३६५ दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा रहती है लेकिन चैत्र और अश्विनी नवरात्र में यहां लोगों का भारी हुजूम जुटता है। इस दौरान यहां हजारों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु माँ महामाया के दर्शन करने पहुंचते हैं। वहीं इस दौरान यहां सैकड़ों की संख्या में अखंड मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्जवलित किये जाते हैं एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। 

शिव की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है सभी मंदिरों में भक्ति और उपासना का क्रम जारी है वहीं खड़गवां के माहामाया मंदिर में देवी मां के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने के लिए हजारो की संंख्या में दूर दराज से भक्त पहुंच रहे है दूसरे राज्यों से भी लोग इस मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां महामाया के मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश जलाकर अपनी मुराद पूरी होने की कामना कर रहे हैं। 

उपवास कर रहे माता के भक्तों का मानना है कि महामाया मां भक्तो की हर मुराद पूरी करती है बस आवश्यकता है मां को सच्चे मन से याद करने कि, इस रामनवमी में जो भी भक्त उपवास कर रहे है और मनोकमना ज्योती कलश जला रहेंं है उनकी मन्नते पूर्ण हो चुकी है या मन्नतें मांगने के लिए उपवास कर ज्योती कलष प्रज्वलित किया जा रहा है। इस मंदिर की खास बात यह भी है की यदि भक्त को मन्नत की आवश्यकता नही भी है तो वह मां से सुख समृद्धी और शान्ति की कामना करते हुए मां का विधिवत नौ दिन उपवास कर ज्योती कलश जलाते है। 

मंदिर की मान्यता के संबंध में श्रद्धालुओं ने बताया कि यह मंदिर लगभग १५० साल पुराना है। मंदिर की मूर्ति का भी अपना अलग इतिहास है। श्रद्धालु बताते हैं कि यहां पहले एक मंदिर था लेकिन उस दौरान यहां हाथियों का काफी जमावड़ा लगता था, मंदिर में बाउंड्रीवाल न होने के कारण हाथियों के समूह ने उस दौरान मूर्ति को खंडित कर दिया था। तब उस समय के जमींदार रहे रघुवंशी ने बिलासपुर रतनपुर से माँ महामाया की भव्य मूर्ति को यहां लाने का निश्चय किया। उस समय गाड़ियों का साधन नही होने से बैलगाड़ी मे माँ की मूर्ति यहां लाई गई। मूर्ति की भव्यता को देखकर उस समय के राजा ने इस मूर्ति को खड़गवां लाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नही मिली। तब से लोगों की आस्था इस मंदिर के प्रति लगातार बढ़ती गई। 

इस माहामाया मंदिर में मनोकमना ज्योती कलश जलाने वालो की संख्या हजारो में है। साल दर साल मां के इस मंदिर में मनोकमना ज्योती कलश में भक्तो की संख्या में गिनती बढ़ती हि जा रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मां माहामाया के प्रति लोगो की श्रद्धा दिन प्रतिदिन किस कदर बढ़ रही है और मां के प्रति भक्तो का अटूट विश्वास भी बढ़ता जा रहा है।