Loading...
अभी-अभी:

इस गांव के 30 परिवार पाषाण युग में जीवन जीने को हैं लाचार

image

Nov 14, 2017

रायगढ़ : लगातार विकास की ढोल पीटने वाली सरकार की पोल गांव बेदोंनारा खोल रही है। आदिवासियों का विकास और उत्थान की गाथा गाने वाली सरकार की धरातल पे जाने से वास्तविक स्थिति कुछ और ही जान पड़ती है।

धरमजयगढ़ मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत साजापाली के आश्रित ग्राम बेदोंनारा में लोग आदिकाल जीवन जीने को मजबूर है। यहां न तो सड़क है और न कोई पेयजल की व्यवस्था है, बिजली है भी तो नहीं के बराबर है।

यहां के लोग सड़क के अभाव में 50 सालों से 6 किलोमीटर का पहाड़ी सफर तय कर साजापाली गांव से राशन लेने आना जाना करते है। जहां जंगली जानवरों का भी उन्हें खतरा बना रहता है। पेयजल के अभाव में ढोंढ़ी का पानी पीकर बीमार भी हो जाते है और फिर उनकी परेशानी और ज्यादा बड़ जाती है।

गांव में बिजली होते हुए भी अन्धकार में गुजर बसर कर रहे है। कुल मिला के बेदोंनारा गांव के 30 परिवार पाषाण युग में जीवन जीने को लाचार है। आज तक बेदोंनारा गांव में न सरकार की निगाह पड़ी और न ही स्थानीय प्रशासन ने ध्यान दिया। यहां के आदिवासी सरकारी नुमाइंदे और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के शिकार होते जा रहे है।