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इस गांव में लोग नहीं करना चाहते है शादी... आखिर क्यों?

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Nov 23, 2017

रायपुर : सुपेबेड़ा गांव में रहने वालों को सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां गांव के हर घर में किडनी पेशेंट है। 185 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं 58 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

बीमारी से मरने वाले लोगों के परिवार की सरकार कोई मदद नहीं कर रही है। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा का कहना है कि सुपेबेड़ा गांव के लोगों की मदद करने के लिए विश्वभर की संस्थाओं को पत्र लिखेंगी, राज्यसभा में यहां का मामला उठाएंगी।

छाया वर्मा गरियाबंद जिले के किडनी रोग प्रभावित सुपेबेड़ा गांव का दौरा कर लौटी हैं। उन्होंने मीडिया के सामने गांव की रिपोर्ट पेश की। अपनी रिपोर्ट में छाया वर्मा ने सरकार के ऊपर गंभीर आरोप लगाएं है।

वहीं सुपेबेड़ा गांव में रहने वाले लोगों को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सुपेबेड़ा में सरकारी नाम की यहां कोई चीज नहीं है। गांव वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

यहां मनरेगा के मजदूरों को भी लाभ नहीं मिल रहा है। गरीबी और बीमारी गांव के हर घर में है। ग्रामीणों को उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। स्कूल भवनों की स्थिति बेहद जर्जर है। स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है। 

बिजली जाने से हफ्ते भर बंद रहती है। कौशल योजना से लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन काम नहीं मिला। यहां रहने वाले लोग सरकार की उदासीनता की वजह से उड़ीसा पलायन करना चाह रहे हैं। यहां जब किसी घर में कोई मेहमान आता है, तो वो साथ में पीने का पानी लाता है। सुपेबेड़ा में लोग शादी करना नहीं चाहते हैं।