Sep 11, 2017
जशपुर : पत्थलगांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का भगवान ही मालिक हैं। स्वास्थ्य के मामले में जिला हमेशा सुर्खियों में बना रहता हैं। कभी खुले में पोस्टमॉर्टम, कभी खुले में प्रसव, तो कभी शव को रिक्शे में ले जाने का मामला हो। इसके बाद भी न तो डॉक्टर सबक ले रहे हैं और न ही जिले के आला अधिकारी। ताजा मामला सिविल अस्पताल पत्थलगांव का हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी से 45 वर्षीय देवेन्द्र बेहरा की जान चली गई।
दरअसल पाकरगांव निवासी देवेन्द्र बेहरा को शनिवार को हल्की बुखार की शिकायत हुई थी, जिसे परिजन सिविल अस्पताल पत्थलगांव में इलाज कराने ले गए, लेकिन अस्पताल में देवेन्द्र बेहरा की तबियत सुधरने की बजाय और खराब हो गई।
मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की नौबत आ गई, लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टरों को आईसीयू में रहने तक का समय नहीं मिला। यहां तक कि आईसीयू का प्रभार जिन साहब को दिया गया था, वो आईसीयू रूम की चाबी अपने साथ लेकर रायपुर चले गए थे।
आनन-फानन में मरीज को ऑक्सीजन भी चढ़ाया गया और 1 नहीं बल्कि 2-2 ऑक्सीजन लगाए गए, लेकिन जो ऑक्सीजन सिलेण्डर मरीज को चढ़ाया गया दोनों खाली थे। आलम ये हुआ कि मरीज ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। इधर परिजनों ने मरीज के मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन को माना हैं। उनका कहना हैं कि अगर समय पर मरीज को ऑक्सीजन मिल गई होती, तो शायद आज देवेंद्र बेहरा जीवित होता।