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गौशाला पर नया खुलासा, गायों की सुरक्षा खतरे में

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Aug 18, 2017

दुर्ग : जिले में हुई गायों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ रामन सिंह के निर्देश के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए भाजपा नेता हरीश वर्मा को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। पहली बार ऐसा हुआ हैं कि सरकार की 3 संस्थाएं 50 से ज्यादा अधिकारियों की टीम के साथ गायों के मौत के मामले की जांच कर रही हैं। दरअसल इस मामले ने छत्तीसगढ़ सरकार को हिला कर रख दिया हैं। इस मामले को लेकर 2 दिनों में एक के बाद एक कई खुलासे हुए हैं। जिसमें स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने इसके तह तक जाकर एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट तैयार की हैं। इस रिपोर्ट में एक और खुलासा किया जा रहा हैं।

प्रदेशभर में 115 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिन्हें हर साल सरकार की ओर से करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जाता हैं। जबकि कुछ गौशालाएं ऐसी भी हैं जो बिना अनुदान राशी के ही गायों की सेवा के साथ-साथ चोटिल गायों की सुरक्षा का काम भी जिम्मेदारी से कर रही हैं। इस मामले की तह तक जाने के बाद स्वराज की टीम को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिसमें दुर्ग की शगुन गौशाला का भी नाम शामिल हैं। जिसमें से एक और बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ हैं। दस्तावेज में इस संस्था के पंजीयन की तारीख 6-10-2010 दर्ज हैं। गौरतलब हैं कि 905 पशुओं की संख्या वाले इस गौशाला में सरकार की तरफ से दी जाने वाली अनुदान राशी साल 2014-15 में 20 लाख, 2015-16 में 19.62 लाख, और 2016-17 में 10 लाख दी गई हैं।

देखा जाए तो 2010 के बाद इस संस्था द्वारा नियम अनुरूप हर 3 महीने में ऑडिट रिपोर्ट विभाग को देना था। जिसके आधार पर ही उन्हें अनुदान राशी दिया जाना था, लेकिन 2010 में रजिस्ट्रेशन के बाद से ही ऑडिट रिपोर्ट नहीं दिया गया था। जिसके बावजूद सरकार की तरफ से उन्हें अवैध रूप से अनुदान राशी विगत 3 सालों में 49.62 लाख की राशी दी जा चुकी हैं। ऐसे में सवाल यही उठा हैं की आखिरकार किस आधार पर अधिकारियों द्वारा बिना ऑडिट के उस गौशाला को पहले तो अनुदान राशी प्रदान की गई और फिर राशी का उपयोग गौशालाओं में किस तरह से किया जा रहा हैं, इसकी जांच भी अब तक नहीं की गई। इससे साफ जाहिर होता हैं कि गायों के नाम पर न केवल सरकारी खजाने पर सेंध लगे जा रही हैं बल्कि प्रदेश भर की गौशालाओं में गायों की सुरक्षा भी खतरे में हैं।

गौरतलब हैं कि दुर्ग जिले के धमधा तहसील के राजपुर गांव भूख से गायों की मौत हो गई थी। भाजपा नेता के गौशाला में 13 दिनों में 200 गायों की मौत हो चुकी हैं। ये गौशाला भाजपा के बड़े नेता हरीश वर्मा एवं सतीश वर्मा का हैं। इस गौशाला में सरकारी अनुदान के चक्कर में 220 गायों को रखने की क्षमता होने के बावजूद 900 गायें रखी जा रही थी। गौशाला में इन गायों को अत्यंत दयनीय अवस्था में रखा जा रहा था। न खाने को चारा था, न पीने को पानी। पिछले 10 से 15 दिनों से गायों को पर्याप्त खाना और पानी नहीं दिए जाने की वजह से इन गायों की मौत हुई थी।