Jul 24, 2017
महासमुंद : पिथौरा लचर प्रशासनिक व्यवस्था एवं बीसीपीएल रोड ठेकेदार की मनमानी के चलते ग्राम लहरौद के लगभग 22 कृषकों के खेतों में लबालब पानी भर गया। लिहाजा कृषक अपने ही खेत में कृषि कार्य से वंचित हो रहे हैं।
गौरतलब हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 आरंग से सरायपाली तक बनने वाले फोरलेन सड़क में ग्राम लहरोद बस्ती से होकर बाईपास बनाया जा रहा हैं तथा फोरलेन निर्माण हो रहा हैं। फोर लाइन में प्रभावित कृषकों का मुआवजा निर्धारण तथा वितरण नहीं होने से ओवर ब्रिज का काम अभी बंद हैं। लेकिन कंपनी ठेकेदार ने सड़क का अभी तक जो भी कार्य कराया हैं, उसमें घोर लापरवाही दिख रही हैं। ग्राम को जोड़ने वाली सड़क में पुराना पुल था, जिसे तोड़ दिया गया हैं। बरसात के पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से बरसात का पानी कृषकों के खेत में जा घुसा हैं।
लगभग 22 कृषकों के खेतों में लबालब पानी भर गया हैं, खेत तलाब बन गये। खेतों में पानी भरे होने से कृषि फसल पूरी तरह से बर्बाद होकर सड़ चुका हैं। कृषकों के हाथ में एक भी दाना आने की उम्मीद नहीं हैं। कृषकों की सुने तो अभी तक की अल्प वर्षा में यह हाल हैं। अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं होता हैं, तो लगभग 50 एकड़ कृषि फसल बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता हैं। साथ ही पानी का बहाव भी बस्ती की तरफ बढ़ेगा, जिससे ग्रामीण जनता को भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता हैं।
ठेकेदार कंपनी पर स्थानीय प्रशासन शुरू से ही मेहरबान हैं। कृषकों ने स्थानीय प्रशासन व मामले को लेकर महासमुंद कलेक्टर को समस्याओं से अवगत कराया हैं। लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी ने स्थल निरीक्षण करना तो दूर, वस्तु स्थिति से अवगत होना भी उचित नहीं समझा हैं। लिहाजा ग्रामीण कृषक लाचारी एवं बेबसी के जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।