Sep 23, 2017
कोरबा : संयुक्त क्षेत्र के उद्यम भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के एक राखड़ बांध का तटबंध टूट गया हैं। हादसे में एक जेसीबी मशीन बह गई, जबकि उसका चालक किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा।
राखड़ बांध से बड़ी मात्रा में जहरीली राख युक्त पानी ढेंगूर नाला के रास्ते हसदेव नदी में पहुंच रहा हैं और नदी के जल को प्रदूषित कर रहा हैं। प्रदूषण के कारण पेयजल और निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई हैं।
जानकारी के अनुसार बालको के 1 हजार 7 सौ 40 मेगावाट क्षमता के दो ताप विद्युत संयंत्रों की राख का उत्सर्जन पास ही बनाई गई राखड़ बांध (फ्लाई एश पाण्ड) में किया जाता हैं। शनिवार को दोपहर लगभग दो बजे रूकबहरी गांव के पास बांध नंबर 6 का तटबंध ऊंचा उठाने का काम चल रहा था।
जेसीबी मशीन से बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा रही थी। इसी बीच एकाएक बांध का तटबंध टूट गया। इससे एक जेसीबी मशीन नीचे गिरकर ढेंगूर नाला में जा समाई। जेसीबी ऑपरेटर किसी तरह राख और पानी के सैलाब से बाहर निकलने में सफल रहा। दुर्घटना के कारण बांध से राख मिला जहरीला पानी बड़ी मात्रा में ढेंगूरनाला में गिरने लगा।
यह पानी नाला के रास्ते हसदेव नदी में पहुंच गया हैं और हसदेव नदी के पानी को प्रदूषित कर रहा हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में आसपास के रहवासी मौके पर जुट गए। घटना की सूचना बालको प्रबंधन को दी गई, पर देर शाम तक तटबंध के मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका।
उल्लेखनीय हैं कि एक पखवाड़ा पहले ही बालको प्रतिनिधि संघ ने राखड़ बांध से क्षेत्र में फैल रहे प्रदूषण और उसकी ऊंचाई बढ़ाने से तटबंध के टूटने के खतरे से प्रबंधन को आगाह करते हुए धरना आन्दोलन किया था।
बालको प्रबंधन ने आन्दोलनकारियों को लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं किया और आवश्यक वैधानिक अनुमति के बिना अवैध रूप से राखड़ बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम किया जा रहा था। बालको प्रतिनिधि संघ के प्रवक्ता विकास डालमिया ने बताया कि एक पखवाड़ा के भीतर ही नागरिकों की आशंका सच साबित हुई हैं।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश हैं। क्षेत्र के करीब पचास हजार की आबादी के सामने पीने के पानी और निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से बालको प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की हैं।