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डॉक्टरों ने नहीं दिया मुक्ति वाहन, ट्रैक्टर पर ले जाना पड़ा शव 

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Sep 4, 2017

सूरजपुर : जिले में एक बार फिर मानवता शर्मशार हुई। जिला अस्पताल में मुक्ति वाहन होने के बावजूद ग्रामीण लगभग 20 किमी तक शव को ट्रैक्टर में लेकर गए। वहीं अस्पताल प्रबंधन अब पूरे मामले की जांच की बात कह रहा हैं।

सूरजपुर स्थित सलका गांव के राम साय ने अज्ञात करण से रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आज सुबह जिला अस्पाल में पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया, लेकिन जब परिजनों ने डॉक्टर से शव ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की, तब डॉक्टरों ने यह कहकर मना कर दिया कि अस्पताल का शव वाहन खराब हैं और गैरेज में खड़ा हैं। 3 घंटे इंतजार करने के बाद ग्रामीणों ने ट्रैक्टर किराए पर लेकर शव को अपने घर सलका लेकर गए। जिसकी दूरी जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी हैं।

मृतक के परिजन साधारण किसान हैं, जिसकी वजह से उनके लिए ट्रैक्टर का किराया देना भी बड़ी समस्या हैं। वहीं इस घटना के बाद संबंधित अधिकारी गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी को मीडिया से इस घटना की जानकारी मिली। जिसके बाद अब वे जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन सवाल यह कि जिला अस्पताल में 100 से ज्यादा का स्टाफ मौजूद हैं, बावजूद इसके घटना के चार घंटे के बाद भी स्वस्थ्य अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई। वहीं पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टर ने इस बात से इंकार किया हैं कि उनसे मृतक के परिजनों के द्वारा मुक्ति वाहन की मांग की गई थी।

जिले में इस प्रकार की यह पहली घटना नहीं हैं, बल्कि इसके पहले भी इस प्रकार की कई घटनाएं हो चुकी हैं। हर बार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर मामले को खत्म किया जाता हैं। अब देखना हैं कि इस मामले में दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी या फिर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा।