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डॉक्टर की लापरवाही से गयी प्रसूता की जान, 15 दिन में 5 मौत

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Jul 1, 2017

बिलासपुर/मुंगेली : लोरमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों मौत का तांडव चल रहा हैं। एक प्रसूता के शरीर में खून की कमी होने के कारण मौत हो गयी। 15 दिनों में अब तक 5 जाने जा चुकी हैं। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल हैं। लोंगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बजाय बदहाल सिस्टम की वजह से लोंगों की जाने जा रही हैं और सरकार मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के ऊपर कार्यवाही करने के बजाय हाथ पर हाथ धर के बैठी हैं।

जिले के केस्तरपुर की एक प्रसूता ईश्वरी घृतलहरे को 102 की मदद से लोरमी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था। जहां उसकी खराब स्थिति को देखते हुये बिलासपुर के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन प्रसूता की वही मौत हो गयी। डॉक्टरों ने महिला के शरीर में खून की कमी होने के कारण मौत होना बताया हैं। लोरमी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लड बैंक स्टोरेज की सुविधा हैं, लेकिन उसकी मशीन पिछले 1 साल से खराब पड़ी हुई हैं। उस मशीन की अब तक रिपेयर नही कराई गयी। जबकि लोरमी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन भी किया जाता हैं। हाई रिस्क में वहाँ के डॉक्टर ऑपरेशन भी करते हैं वो भी बिना ब्लड के। अस्पताल प्रबन्धन की लापरवाही से 2 जान चली गयी।

15 दिन में 5 मौते हो गयी हैं। कुछ दिनों पहले लोरमी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डोंगरिया की एक महिला सविता जायसवाल को देर रात प्रसव के लिये भर्ती किया गया था, वहां कोई डॉक्टर मौजूद नही थे। प्रसूता को एक नर्स ने अटेंड किया था। उस नर्स ने महिला डॉक्टर से मोबाइल पर सम्पर्क भी किया, लेकिन महिला डॉक्टर ने अभी कुछ देर देख लो कहकर फोन रख दिया। लेकिन उस दर्द में तड़पती प्रसूता को अस्पताल देखने नही गयी। महिला रात भर एक नर्स के भरोसे दर्द में तड़पती रही। सुबह 9 बजे जब महिला डॉक्टर अस्पताल पहुँची तब देखा कि उस प्रसूता की हालत बहुत बिगड़ चुकी थी। तब आनन फानन में उस प्रसूता को बिलासपुर के सिम्स रेफर किया गया, जहां महिला की सिम्स पँहुचते ही मौत हो गयी। बाद में पता चला कि उस महिला के पेट में जुड़वा बच्चे थे। लेकिन फिर भी ऐसे डॉक्टरों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नही की गयी। बस खाना पूर्ति करते हुये उस नर्स को निलंबित कर दिया जिसने पूरी रात ईमानदारी से अपनी ड्यूटी की। इस मामले में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि लोरमी का अस्पताल एक कब्र गाह बनकर रह गया हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से हो रहे मौतों के लिए जिला मुख्यालय में CMHO कार्यालय का घेराव भी किया था, तब CMHO मुंगेली ने जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही थी, लेकिन न जांच हुई और न ही किसी तरह कोई कार्यवाही हुई। आज एक प्रसूता खून कि कमी के चलते मौत के गर्भ गृह में समा गयी।