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नक्सलियों का अब होगा खात्मा, सुकमा जाएंगे कोबरा कमांडो

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May 9, 2017

रायपुर/सुकमा। केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद नक्सली घटनाओं से निपटने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया। केंद्रीय गृह सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा सोमवार को हुई अहम बैठक में नक्सली घटनाओं से निपटने के लिए दोहरी रणनीति अपनाने का फैसला किया गया। केंद्र और राज्य सरकारों ने तय किया कि विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी और साथ ही नक्सलियों की गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्ती भी की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 10 नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक में नक्सल समस्या के सभी पहलुओं पर विचार हुआ और हालात की समीक्षा की गई। बैठक में छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि चार राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों ने अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। बैठक के बाद केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में सामूहिक तौर पर यह माना गया कि नक्सली समस्या किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय समस्या और केंद्र व राज्यों को मिल कर देश से इसका सफाया करना होगा।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के सुरक्षा बलों पर बड़े हमले पर विस्तार से चर्चा हुई। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हुए थे। बैठक में संकल्प किया गया कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों इसका प्रयास किया जाएगा। महर्षि ने कहा कि सरकार ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए विकास कार्यों में तेजी लाने और नक्सलियों के गैरकानूनी कामों को कतई बरदाश्त नहीं करने की दोहरी रणनीति पर सहमति जताई।

इस रणनीति को लागू करने, इसकी समीक्षा और निगरानी के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। इस समिति में राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक शामिल रहेंगे। महर्षि ने कहा कि बैठक में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए उपायों पर विचार किया गया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नक्सलरोधी अभियानों को आक्रामक अंदाज में चलाने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे नक्सलियों में भय फैले। साथ ही उन्होंने नक्सल हिंसा प्रभावित राज्य सरकारों से भी नक्सली गुटों की वित्तीय मदद को रोकने में जिम्मेदार भूमिका का निभाने को कहा। उन्होंने कहा कि जंग में पैसा अहम भूमिका निभाता है, पैसे से ही जंग के संसाधन जुटाए जाते हैं इसलिए राज्य सरकारों को नक्सलियों के वित्तीय संसाधनों को नेस्तनाबूद करना ही इस जंग की रणनीति का मूलमंत्र होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकारों को सड़क निर्माण सहित दूसरी विकास योजनाओं में आक्रामकता लाने की जरूरत है।