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फोरलेन से उजड़ेगा गांव, कई लोग हो रहे बेघर

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Nov 29, 2017

धमतरी : एक तरफ छत्तीसगढ़ में विकास के पहिए को रफ्तार देने के लिए गांव-गांव सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, तो वहीं प्रदेश के ऐसे गांव है, जो सड़कों के जद में आने से पूरी तरह तबाह हो रहें है।

कुछ इसी तरह का हाल प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले धमतरी का भी है। मंत्री के विधानसभा इलाके के ग्राम मेघा के ग्रामीण इन दिनों दहशत में है, क्योंकि कुरूद होते हुए विशाखापट्टनम तक बनने वाले फोरलेन की जद में पूरा गांव आ रहा है।

जिससे गांव की पूरी आबादी ही बेघर हो जाएगी। हालांकि ग्रामीण फोरलेन का विरोध नहीं कर रहे है, लेकिन समस्या ये है कि गांव के 75 प्रतिशत लोगों को 32 साल से पट्टा नहीं मिल पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को फोरलेन अधिग्रहण से कोई मुआयजा नहीं मिलेगा और न ही वे भविष्य में अपना घर बसा पाएंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव आबादी जमीन पर बसा है। वहीं 32 साल बाद भी उन्हें पट्टा नहीं दिया जा सका है। जबकि ग्रामीणों ने मंत्री से लेकर शासन प्रशासन से कई बार पट्टा देने की मांग कर चुके है।

गौरतलब है कि ग्राम मेघा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नारायण राव मेघावाले गृहग्राम है और यह गांव जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। बहरहाल जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को मुख्यमंत्री आबादी पट्टा देने की बात कह रहे है।