Sep 22, 2017
जगदलपुर : विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की आवाज कंचन देवी की रस्म पूरी करने के बाद जोगी बिठाई रस्म पूरी कर ली गई हैं। मान्यताओं और रीति-रिवाज के बीच मनाया जाने वाले बस्तर दशहरा में हर रस्म का अपना खास महत्व होता हैं।
इसी के तहत जोगी बिठाई की रस्म पूरी की गई हैं। ऐसा माना जाता हैं कि दशहरा पर्व के दौरान कोई विघ्न ना हो उसके लिए यह रस्म पूरी की जाती हैं। दशहरे की परंपरा में जोगी बिठाई की रस्म का आज भी खासा महत्व हैं।
विधि विधान के साथ बस्तर दशहरे के आयोजन स्थल सिरा सहार चौक भवन के अंदर विशेष तरह का गड्ढा बनाया जाता हैं। मान्यता के अनुसार इस गड्ढे में हल्बा जाति का एक युवक पूरे 9 दिनों तक बगैर कुछ खाए पिए मां आदिशक्ति की ध्यान में लगा रहता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि बस्तर महाराजा की प्रतिनिधि के रूप में निर्जला उपवास करता हैं।
इस कठिन तप के पीछे दशहरा पर्व को निर्विघ्नम रूप से संपन्न कराने का मुख्य उद्देश्य माना जाता हैं। जोगी बिठाई इस रस्म के बाद आज से दंतेश्वरी माई की परिक्रमा करने के लिए रथ परिक्रमा शुरू होगी, जो पंचमी तक चलेगी। गौरतलब हैं कि बस्तर दशहरे में रथ परिक्रमा बस्तर दशहरे की शान और पहचान मानी जाती हैं।