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मरीज को छोड़ चालक ने ढाबे में खड़ी की संजीवनी एक्सप्रेस, मौत

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Oct 27, 2017

कोरबा : संजीवनी एक्सप्रेस पर गंभीर आरोप लगा है। पीलिया से पीड़ित एक बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि गंभीर हालत में कोरबा से बिलासपुर ले जाते समय संजीवनी एक्सप्रेस के चालक और टेक्नीशियन ने ढाबे पर रुक कर शराब पी और करीब 2 घंटे तक गाड़ी रोके रखा। जिसके कारण उनके बच्चे की मौत हो गई। गंभीर मामले में संजीवनी एक्सप्रेस के जिला प्रभारी ने जांच कर कारवाई की बात कही है।

दरअसल बालको के रहने वाले अजय दास नामक 17 साल के किशोर को पीलिया की शिकायत पर जिला अस्पताल में 24 अक्टूबर को दाखिल किया गया था। जिला अस्पताल प्रबंधन ने अजय दास का इलाज शुरू किया, मगर उसकी स्थिति 27 अक्टूबर को बिगड़ गई।

ऐसे में उसकी स्थिति को सुधरता ना देख जिला अस्पताल प्रबंधन कोरबा ने मरीज को बिलासपुर के लिए रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि जब अजय के परिजन अजय को लेकर संजीवनी एक्सप्रेस से जा रहे थे, तभी संजीवनी एक्सप्रेस के चालक और टेक्नीशियन ने रतनपुर के पास एक ढाबे पर गाड़ी खड़ी कर दी और यहां जमकर शराब पिया इस बीच मरीज के परिजन बार-बार चालक से चलने की गुहार लगाते रहे, मगर उसने एक न सुनी और करीब 2 घंटे बाद ढाबे से निकले।

जब मरीज को लेकर परिजन सिम्स पहुंचे तब यहां चिकित्सकों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। मरीज के परिजनों का आरोप है कि अगर संजीवनी एक्सप्रेस के चालक ने ढाबे पर गाड़ी खड़ी कर शराब न पी होती और गाड़ी नहीं खड़ी की होती, तो उनका बच्चा जीवित होता। इधर इस मामले के सामने आने के बाद संजीवनी एक्सप्रेस के जिला प्रभारी का कहना है कि ढाबे पर गाड़ी खड़ी जरूर की गई थी, मगर उसका कारण क्या है इस बात की जांच की जा रही है।

हालांकि प्रभारी ने यह भी कहा कि शराब पीने की बात गलत है, मगर गाड़ी किसी भी हालत में ढाबे पर खड़ी नहीं की जानी चाहिए थी। ऐसे में संजीवनी एक्सप्रेस के जिला प्रभारी ने जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।