Loading...
अभी-अभी:

मौतों पर जारी हैं राजनीति, भाजपा नेता दे रहे गैर जिम्मेदाराना बयान

image

Aug 14, 2017

सूरजपुर : जिले के ओडगी ब्लॉक में मलेरिया से हो रही मौत ने अब महामारी का रूप धारण कर लिया हैं। ओडगी ब्लॉक के लगभग 10 से ज्यादा गांव मलेरिया का दंश झेल रहे हैं। अभी तक मौत का आंकड़ा 19 पहुंच गया हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगभग 15 दिनों से अस्थाई कैम्प भी लगाया गया हैं, बावजूद इसके मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं। जहां मलेरिया से हो रही मौतों की वजह से स्थानीय ग्रामीणों में दहशत हैं, वहीं अब इस पूरे मामले में राजनीति भी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस राज्य सरकार पर दोष मढ़ रही हैं, तो वहीं भाजपा की ओर से गैर जिम्मेदाराना बयान दिया जा रहा हैं।

सूरजपुर का सरहदी इलाका बिहारपुर जो घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ हैं। यह इलाका ओडगी ब्लॉक में पड़ता हैं। जो मध्यप्रदेश की शरहद पर स्थित हैं। इस इलाके में पिछले महीने से अभी तक मलेरिया मौत बनकर 19 लोगों को निगल चुकी हैं। जबकि 50 ग्रामीणों को जिला अस्पताल सूरजपुर रेफर किया गया हैं। साथ ही इस इलाके के लगभग 1500 ग्रामीण अभी भी मलेरिया से पीड़ित हैं।

दरअसल 28 जुलाई को इस इलाके में मलेरिया से मौत का पहला मामला सामने आया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कैम्प लगाकर स्थिति को नियंत्रण करने का प्रयास किया गया, लेकिन स्थिति दिन-प्रति-दिन और भयावह होती गई। अभी भी लोगों का कैम्प में इलाज चल रहा हैं, जबकि स्वास्थ विभाग के कर्मचारी डोर-टू-डोर जाकर दवा पहुंचा रहे हैं। स्थानीय लोगों को मच्छरदानी भी बांटी गई हैं, लेकिन अभी भी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं हैं। डॉक्टर भी मान रहे हैं कि यह इलाका मलेरिया को लेकर संवेदनशील हैं। साथ ही वे अपने विभाग की गलती भी मान रहे हैं, जिसकी वजह से स्थिति दिन-प्रति-दिन और खराब होती गई।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई हैं। अभी कुछ दिन पहले गृह मंत्री मरीजों का हाल जानने पहुंचे थे और स्थिति को जल्द नियंत्रण में करने का आश्वासन दिए थे। वहीं आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 7 लोगों की टीम को कैम्प में भेजा गया था। जो मौके की रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौपेंगे। इस कमेटी में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक और प्रदेश सचिव थे। कैम्प का दौरा करने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं भाजपा के सहकारी बैंक के जिला अध्यक्ष ने इस पूरे मामले में अलग ही बयान दे दिया। उनके अनुसार मलेरिया से हो रही मौत की वजह खुद गरीब आदिवासी हैं, वे इलाज कराना ही नहीं चाहते, जिसकी वजह से उनकी मौत हो रही हैं।

स्थानीय ग्रामीणों की जान जा रही हैं और नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। अगर शुरूआत से ही मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाए गए होते तो आज स्थिति कुछ और ही होती। सभी को मालूम था कि यह इलाका मलेरिया को लेकर संवेदनशील हैं, बावजूद इसके तैयारियां पहले से क्यों नहीं की गई? इस इलाके में पिछले 15 दिनों से डॉक्टरों की टीम कैम्प लगा कर इलाज कर रही हैं तो मौत पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा हैं? इन मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन हैं?