May 15, 2017
धमतरी। छत्तीसगढ़ में एक ओर शासन पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह की मुहिम चला रही है। वही दूसरी ओर वन महकमा इस अहम मसले पर संजीदा नहीं दिखता। ताजा मामला धमतरी का है जहां साल 2012 को यादगार बनाने के लिये धमतरी के वन महकमे ने 12 दिसंबर 2012 को मनरेगा योजना के तहत रूद्री में लाखों की लागत से पेड़ लगाये थे। लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते आज महज गिनती के ही पेड़ बचे हैं। देखरेख के अभाव में सैकडों पेडों ने दम तोड़ दिया है। लोगों का कहना है की वन महकमा सिर्फ कमाई करने में लगा है। जिसका नतीजा है कि लाखों की लागत से लगे पेडों ने दम दिया। लोगों की माने तो वक़्त रहते पेडों की देखभाल होती तो आज तस्वीर कुछ और होती। स्थानीय लोग दोषी अधिकारियों पर कार्रवाही की मांग कर रहे हैं। जबकि वन महकमा पेड़ लगाने के लिए जगह चयन प्रक्रिया को ही गलत बता रहे है। जिसकी वजह से पेड़ मर रहे है। - रंजीत छाबडा,आरटीआई कार्यकर्ता