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वर्तमान पर परंपरा भारी, आखिर क्यों इस दिन मनाई जाती हैं ये आनोखी दीवाली

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Oct 23, 2017

गरियाबंद : दीपावली पर्व वैसे तो बीते गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा चुका है, मगर गरियाबंद जिले के मैनपुर कला गांव में रविवार को दीपावली मनाई गई। यहां हर साल दीपावली और नवाखाई का त्यौहार रविवार या फिर बुधवार को ही मनाया जाता है। वर्तमान पर परंपरा यहां आज भी भारी पड़ती नजर आ रही है।

3 हजार की आबादी वाले मैनपुर कला गांव भले ही 5 पारा में बटा हुआ है, पर अपनी परंपराएं और अपने रीति रिवाज भाईचारे से निभाते हैं। ये सब संभव है यहां मनाई जाने वाली अनोखी दीवाली और नवाखाई के कारण।

देश में दीवाली और नवाखाई का त्यौहार भले ही किसी भी दिन मनाया जाये, मगर यहां ये दोनों त्योहार बुधवार या रविवार को ही मनाये जाते है। इस साल भी गोवर्धन पूजा के बाद पडने वाले पहले रविवार को यहां दीवाली मनाई गई। गांव के बड़े बुजुर्गो का कहना है कि यहां ये परंपरा शदियों से चली आ रही है।

बुधवार या रविवार को ही त्योहार क्यों मनाते है? ये तो उन्हें भी याद नहीं, मगर गांव के सब लोग एक साथ मिलकर गांव के देवी-देवताओं की पूजा करते है और फिर गाय के गोबर का तिलक लगाकर एक-दूसरे से गले मिलते है। यहां की दीवाली देखने आसपास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचते है।

मैनपुर कला में 12 जाति के लोग रहते है। दीवाली का पर्व सब एक साथ मिलकर मनाते है। न कोई छोटा न कोई बड़ा, सब बराबर हैं। सभी एक जगह इकट्टा होते है और सब एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते है।

गांव में इस परंपरा ने इतनी गहरी जड़े जमा ली है कि गांव के लोग अब इस परंपरा को बदलना ही नहीं चाहते। ग्रामीण मानते है कि हालांकि उन्हें इस परंपरा से कोई लाभ नहीं है, लेकिन इस परंपरा के कारण उनके गांव में आपसी भाईचारा बना हुआ है। कुछ भी हो जाये, वे इसे बदलना नहीं चाहते।

यहां तक कि नौजवान युवा, बेटियां और नयी नवेली बहुएं भी इस परंपरा को बनाये रखने के पक्ष में है। आज के आधुनिक परिवेश में जहां परिवार के लोग एक साथ इकट्टा होकर त्यौहार नहीं मना पा रहे है।

ऐसे में 5 पारा में बटे मैनपुर कला के 12 जाति के लोगों द्वारा एक साथ मिलकर त्योहार मनाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। भले ही मैनपुर कला के लोग इस परंपरा से कोई फायदा नहीं होने की बात कह रहे है, मगर इससे बड़ा फायदा क्या हो सकता है कि एक त्योहार के कारण पूरे गांव में आपसी भाईचारा बना हुआ है।