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सहकारिता मंत्री बघेल के गृह जिला में भ्रष्टाचार, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

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Aug 3, 2017

बेमेतरा : सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल के गृह जिला में जिला विपणन सहकारी समिति में लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ हैं। मामले का खुलासा खुद समिति की संचालक सदस्य रीता पाण्डेय ने की हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से कर दी हैं। कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

मामला जिला विपणन सहकारी समिति बेमेतरा की ओर से बनाए गए काम्पलेक्स के आबंटन में हुए भ्रष्टाचार, समिति के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसों का गबन और सरकारी वाहनों को बेचने का हैं। महिला कांग्रेस की शहर अध्यक्ष और समिति की संचालक सदस्य रीता पाण्डेय का आरोप हैं कि बीते कई सालों से भविष्य निधि के पैसों की कोई जानकारी कर्मचारियों को नहीं दी जा रही हैं। वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भविष्य निधि का कोई हिसाब उन्हें नहीं दिया जा रहा हैं। इसके साथ ही समिति के पुराने 4 सरकारी वाहनों को भी बिना निविदा बुलाए चोरी-छिपे बेच दिया गया हैं। इससे भी कहीं बढ़कर समिति की ओर से बनाए सरकारी दुकानों की नीलामी में भी बड़ी गड़बड़ी हुई हैं।

रीता पाण्डेय ने दस्तावेजों के साथ खुलासा करते हुए यह आरोप लगाया हैं कि समिति की ओर से बनाए गए काम्पलेक्स के नक्शे में बाथरूम, मीटर रूम दर्शाया गया हैं, लेकिन हकीकत में उन स्थानों में अवैध रूप से दुकान बनाकर उसे भी बेच दिया गया हैं। अध्यक्ष राजकुमार तिवारी और मैनेजर संजय सिंह ने समिति संचालक मंडल में बगैर प्रस्ताव लाए और सदस्यों को जानकारी दिए बिना ही काम्पलेक्स की दुकानों को अवैध तरीके से बेच दिया हैं।
 
रीता पांडेय का कहना हैं कि समिति द्वारा कार्यो के लिए वाहन क्रय किया गया था, लेकिन वर्तमान में वह वाहन कहां हैं, इसका भी अता-पता नहीं हैं। उनका कहना हैं कि अध्यक्ष सोसायटी नहीं आते हैं और न ही किसी भी चीज की कोई जानकारी संचालक मंडल को देते हैं। इसके साथ ही समिति द्वारा छोटे कर्मचारियों को पिछले 2 साल से वेतन ही नहीं दिया जा रहा हैं, वहीं समिति के बड़े पद में बैठे लोग हर महीने अपना वेतन ले रहे हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष रीता पाण्डेय ने सन् 2007-08 से वर्तमान तक ऑडिट कराए जाने की मांग की हैं। कलेक्टर ने लिखित मिले दस्तावेजी शिकायतों के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं।

इधर खुलासे के बाद मंत्री के जिले में हड़कंप मचा हुआ हैं। हालांकि बीते 10 दिनों में जांच के आदेश के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई हुई नहीं हैं। आरोप ये भी हैं कि उप पंजीयक कार्यालय में मामले की लीपापोती करने की कोशिश की जा रही हैं। फिलहाल अब इंतजार कलेक्टर के पास पहुंचने वाली जांच रिपोर्ट पर हैं।