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सुरक्षा व्यवस्था के बीच रेलवे ने की तोड़फोड़ की कार्यवाई

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Nov 21, 2017

धमतरी : लगातार नोटिस के बाद आखिरकार रेलवे विभाग द्वारा रेलवे की जमीन पर काबिज व्यापारियों की दुकानों को हटाने की कार्यवाई शुरू कर दी है। इस दौरन एहतियात के तौर पर भारी संख्या में आरपीएफ और स्थानीय पुलिस के जवान मौजूद रहे।

वहीं पुलिस की मौजूदगी में रेलवे के कर्मचारियों द्वारा चिन्हांकित दुकानों की तोड़फोड़ की गई है। तोड़फोड़ की कार्रवाई के मददेनजर पुलिस सुबह से मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन रेलवे के अफसर करीब 7 बजे धमतरी पहुंचे। जिसको लेकर तमाम तरह की चर्चा हो रही थी।

फिलहाल करीब 37 दुकानों को छोड़ा गया है, क्योंकि इनमें 7 दुकानदारों ने कोर्ट से स्टे लाया है। तो वहीं 30 दुकानदारों ने कोर्ट में अर्जी लगाई है। लिहाजा मामला कोर्ट में विचाराधीन है और जल्द ही इन पर भी कार्यवाई करने की उम्मीद जताई जा रही है।

दरअसल धमतरी में रेलवे की स्थापना लगभग सन 1900 में आजादी के पहले हुई थी। तब यहां से रेलवे के सामान मालगाड़ी में बाहर अंग्रेजों के द्वारा ले जाया जाता था। आजादी के बाद से माल गाड़ी बंद हो गई।

उसके बाद से यहां सवारी गाड़ी शुरू हो गई, लेकिन अब सवारी गाड़ी घाटे में चल रही है। जिसे ब्रॉडगेज में बदलने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। ब्रॉडगेज के घोषणा बाद विभाग गुड्स टर्मिनल बनाने की कवायद शुरू की।

वहीं कब्जाधारियों को कई नोटिस देकर दुकानें खाली करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके दुकानदार जमीन खाली नहीं कर रहे थे। आखिरकार 3 नोटिस के बाद आज से तोड़फोड़ शुरू हो गई है। गौरतलब है कि गुड्स टर्मिनल के लिए 70 करोड़ की राशि आ चुकी है।

जिसे जल्द ही उपयोग कर यहां पर गुड्स टर्मिनल बनाया जाएगा। बहरहाल प्रभावित पीड़ितों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। वहीं रेलवे अधिकारी कार्रवाई को लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे है।