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स्कूल का वीडियो वायरल होने पर प्रिंसिपल ने धमकीपूर्वक लिखवाया छात्र से माफीनामा

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Aug 21, 2018

चंद्रकांत देवांगन : दुर्ग विकास खंड के ग्राम निकुम के शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला निकुम में स्कूल के अंदर जिस दिन छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल बलराम दास टण्डन जी के निधन पर शासकीय अवकाश घोषित था 16 अगस्त के बाद दूसरे दिन एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें स्कूल के अंदर शराब की बोतलें, गिलास और अन्य  सामान इस वीडियो में दिखायी गई। वीडियो वायरल होने के बाद गांव से लेकर शिक्षा विभाग में इस घटना को लेकर हड़कंप मच गया।

निकुम के शासकीय स्कूल में हुए घटना के बाद जब आज स्कूल लगा उस दौरान वीडियो वायरल करने वाले छात्र को बुलाकर प्रिंसिपल ए. के पांडे ने धमकी पूर्वक एक माफीनामा लिखवाया और इसकी शिक़ायत भी पुलिस को कर दी कि छात्र के द्वारा स्कूल को बदनाम करने के उद्देश्य से यह झूठा वीडियो बनाया गया है। इस मामले में प्राचार्य का कहना है कि हमारे यहां शिक्षा संविलियन के अंतर्गत भोजन की व्यवस्था की गई थी।जिससे मैंने स्टाप के शिक्षक को नोटिस जारी भी किया हूँ। 

ये वीडियो फर्जी ढंग से बनाया गया इस ग्राम के कुछ लोग मिलकर बच्चों को भड़काने का प्रयास कर रहे है।मैने किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं कि है। मेरे ऊपर लगाये सारे आरोप गलत है। जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच कर वीडियो वायरल करने वाले छात्र गजेंद्र देशमुख व उसके 2 साथियों को अपनी गाड़ी में बिठा कर थाने ले गयी जिससे स्थानीय ग्रामीण और छात्र आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों और छात्रों ने प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव में हटाने की मांग रखी। इस पूरी घटना के बाद प्राचार्य के खिलाफ एक के बाद एक खुलासे सामने आते गए  छत्राओ द्वारा छेड़खानी जैसे कृत्य की बात भी कही गयी।  छेड़छाड़ मामले में जिला शिक्षा सहायक आधिकारी रजनी नेल्सन ने पुलिस को एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कहना था कि यह एक शर्मनाक बात है। जिस दिन हमारे प्रदेश के राज्यपाल के निधन पर पूरा प्रदेश शोक में डूबा तक उसी इस स्कूल में पार्टी मनाया गया। सभी शिक्षकों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होना चाहिए। प्राचार्य की घोर लाफ़रवाही है यह गलत है इसकी हम निंदा करते है। बच्चे को जबर्दस्ती दबाव बनाकर उसे अपराधी बनाकार पुलिस की गाड़ी में वो भी यूनीफॉर्म में ले जाया गया। जिसमे पुलिस प्रशासन की भी लापरवाही है। वहीं पुलिस की माने तो वाइरल वीडियो को गलत बताते हुए प्राचार्य की मौखिक शिकायत पर कार्यवाही की गई है छात्रों की शिकायत पर जाँच के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।