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मृत किसानों के नाम फर्जी केसीसी लोन निकालने वाले मास्टर माइंड सहित 4 आरोपी गिरफ्तार

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Jul 29, 2017

बेमेतरा : किसानों के नाम पर फर्जी केसीसी लोन के नाम पर 1 करोड़ 40 लाख निकालने वाले मास्टर माइंड बहल वर्मा और 4 अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। इससे पहले पुलिस बैंक के तात्कालिक मैनेजर राजेश शर्मा और कैशियर प्रकाश रेड्डी को जेल भेज चुके हैं।

मामला ग्राम कोदवा स्थित ग्रामीण बैंक से मृत किसानों के नाम सहित फर्जी दस्तावेज के सहारे केसीसी लोन निकालने का हैं। जहां ओटेबन्ध के 131 किसानों के नाम छतीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक कोदवा में फर्जी तरीके से 1 करोड़ 40 लाख का लोन निकाला गया था। जिसकी जानकारी ओटेबन्ध के किसानों को होने पर साजा थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया। जिस पर पुलिस फर्जी लोन निकलवाने का मास्टर माइंड ग्राम ओटेबंद निवासी बहल वर्मा को पुलिस ने दंतेवाड़ा से तथा अन्य चार आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया हैं। इस मामले में बैंक के मैनेजर आरके शर्मा और कैशियर को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया हैं। इस मामले में 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों से 7 नग कंप्यूटर सेट भी बारामद कर लिया हैं।

गिरफ्तार आरोपियों में चाकेन्द्र वर्मा, रेखराज वर्मा मुख्य आरोपी बहल वर्मा के पुत्र हैं। वहीं दो आरोपियों में छगन वर्मा ग्राम पडरभट्ठा धरसीवा एवं सुरेन्द साहू ग्राम चिचोली नादघाट का निवासी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 409, 467 व 471  के तहत अपराध दर्ज किया हैं। फर्जीवाड़े मामले के आरोपियों ने 28 नंवबर 2011 को स्वर्गवास हुए बिरझु वर्मा पिता फेरूराम और 10 दिसबर को स्वर्गवास हुए फेरू राम वर्मा पिता पुसउ वर्मा के नाम पर साल 2014 में कोदवा के ग्रामीण बैंक से लोन निकाल लिया था। इसके अलावा पूरे मामले में जिन किसानों के नाम पर कर्ज लिया गया था, उन्हें भी पता नहीं था।

बताया जाता हैं कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज के सहारे लोन निकालने का कारनामा कर दिखाया था। मामले का मास्टर माइंड ग्राम ओटेबंद निवासी बहल वर्मा हैं। मास्टर माइंड के कारनामे के कारण क्षेत्र के दर्जनों किसान कर्जदार बने थे। मामले में कुल 131 प्रकरणों में फर्जी तरीके से केसीसी लोन निकालने का मुख्य आरोपी बहल वर्मा फरार था। उसे क्राइम ब्रांच पुलिस ने दंतेवाड़ा से गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया। आरोपी ने पुलिस को दिए बयान में अपना अपराध कबूल लिया हैं। फर्जीवाड़े के आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली हैं।