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तमिलनाडु में 9 मजदूरों को बनाया था बन्धक, जानवरों जैसा होता था बर्ताव, जानिए पूरी खबर

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Apr 3, 2019

अखिल मानिकपुरी : बलौदाबाजार व जांजगीर-चापा जिले के 9 मजदूरों को तमिलनाडु के नामाकल जिले के रुई कंपनी में बंधक बनाकर रखा गया था। जिसे जिला प्रशासन के सहयोग से छुड़ा लिया गया। वहीं बुधवार को सभी सकुशल बलौदाबाजार जिले के जोरा गांव वापस लौट आए। 

जिला प्रशासन के सहयोग से छुड़ाया मजदूरों को
बता दें कि इनमें से पांच बलौदाबाजार जिले के जोरा गांव, चार जांजगीर-चांपा जिले भण्डोरा और अमलीडीह गांव के हैं। इन्हें जिला प्रशासन के सहयोग से छुड़ाया गया। वहीं बन्धक बनाकर रखने की जानकारी परिजनों को मिलते ही परिजनो के द्वारा स्वराज एक्सप्रेस न्यूज टीम को जानकारी दी गई। 

स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने लिया एक्शन
वहीं स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने परिजनों के साथ भटगांव थाना प्रभारी, बिलाईगढ़ अनुविभागीय अधिकारियों को कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार के नाम से पत्र लिख कर छोडाने की गुहार लगाई। जिस पर जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर तमिलनाडु रवाना किया था। वहीं सभी लोगों को सकुशल घर वापस लाने पर परिजनों ने जिला प्रशासन, पत्रकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।

बलपूर्वक 12 घंटे करवाया जाता है काम
छेदी लाल सिदार ने बताया कि वहां बलपूर्वक 12 घंटे काम कराया जाता था और वेतन नहीं दिया जा रहा था। महीनेभर से उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। उनसे जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता था। एक छोटे से कमरे में उन्हें रखा जाता था। भरपेट खाना भी नहीं देते थे। विरोध करने पर  मारपीट करते थे। और उन्हें आधा पेट खाना देकर उनसे 12-12 घंटे काम लिया जाता था। वहीं कंपनी में पहुंचते ही उनसे मोबाइल भी ले लिया गया। घर परिवार वालों से बातें भी नहीं करने दी जाती थी।

नायब तहसीलदार का क्या है कहना?
नायब तहसीलदार अश्विनी चन्द्रा ने कहा है कि युवा दलालों के बहकावे में आकर अन्य राज्य न जाएं। दलाल उन्हें अच्छी नौकरी और आमदनी देने का लालच देते हैं। इस लालच में युवक बहक जाते हैं। जिले में दलालों के चल रहे इस तरह के रैकेट पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।