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सूरजपुरः अपनी बेटी की मृत्यु के बाद उसका नेत्र दान करके दिया मानवता का परिचय

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May 27, 2019

दिलशाद अहमद- कहते हैं दुनिया का सबसे बड़ा दान नेत्र दान होता है, क्योंकि इस दान से किसी बेरंग की दुनिया रंगीन हो जाती है। बावजूद इसके हमारे देश-प्रदेश में नेत्र दान करने वालों का आंकड़ा बहुत कम है। खासकर छोटे शहरों में, लेकिन सूरजपुर के कुशवाहा फैमली ने अपनी बेटी की मृत्यु के बाद उसका नेत्र दान करके मानवता का परिचय दिया है। जिसकी वजह से स्थानीय लोग भी इस परिवार की तारीफ़ कर रहे हैं।

सूरजपुर जिले का एक छोटा सा गांव शिवप्रसादनगर, जहाँ हार्ट की बीमारी की वजह से 32 वर्षीया पुष्पा कुशवाहा की मौत हो गई, जिसके बाद घर में मातम पसरा गया। इसी बीच पुष्पा के पति मनोज कुशवाहा और पिता सीताराम कुशवाहा ने अंतिम संस्कार करने से पहले पुष्पा का नेत्र दान करने का फैसला किया। पूरे परिवार को इसकी जानकारी दी, उनके इस फैसले में पूरा कुशवाहा परिवार समहत हो गया। फिर न्होंने जिला अस्पताल में पुष्पा का नेत्र दान करवाया।

यह परिवार पूरे समाज के लिए बना आदर्श

वहीँ कुशवाहा फैमली के इस फैसले का जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी स्वागत किया है और इस नेत्र दान को सफल बनाने के लिए डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम ने सफल आपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा और 72 घंटे के अंदर यह आँख किसी जरूरतमंद को लगा दी जायेगी। वहीँ कुशवाहा फैमली के इस फैसले का स्वागत स्थानीय लोग भी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यह परिवार पूरे समाज के लिए आदर्श है और उनके इस फैसले से समाज को एक दिशा मिलेगी और ज्यादा  संख्या में लोग नेत्र दान के लिए प्रेरित होंगे।

किसी दृष्टिहीन व्यक्ति के कठिनाई भरे जीवन का अंदाज सिर्फ आप कुछ पलों के लिए अपनी आँखे बंद कर ही लगा सकते है। ऑंखे बंद करते ही मन में एक भय व असुरक्षा की भावना समा जाती है और तत्काल ऑंखे खोलने को मजबूर हो जाते हैं। इन बातों को समझते हुए सभी को नेत्र दान करना चाहिए और तमाम लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।