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गौरैलाः भाजपा नेता की मौत को लेकर परिजन और स्थानीय लोगों ने किया चक्का जाम

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Apr 9, 2019

बालकृष्ण अग्रवाल- भाजपा नेता चंद्रिका प्रसाद तिवारी की मौत के मामले में आखिरकार पुलिस ने मरवाही थाना प्रभारी  खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर लिया है। एक जांच टीम बना कर जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है। वहीं इस पूरे मामले में कल दिन भर मरवाही में गहमागहमी की स्थिति बनी रही। लगभग 4 घंटे तक मनेंद्रगढ़ पेंड्रा रोड मुख्य मार्ग पर चक्काजाम किया गया था।

चंद्रिका प्रसाद तिवारी को पारिवारिक जमीन विवाद के चलते थाने में लाया गया था

दरअसल पूरा मामला मरवाही थाना क्षेत्र का है, जहां पर रविवार को कुम्हारी निवासी चंद्रिका प्रसाद तिवारी को पारिवारिक जमीन विवाद के चलते थाने में लाया गया। वहां उन पर 151 की दंडात्मक कार्यवाही की गई। दूसरे दिन जब चंद्रिका तिवारी को न्यायालय में पेश किया गया, उस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां से जब उन्हें उपचार के लिए बिलासपुर ले जाया जा रहा था, तब रतनपुर के पास उनकी मौत हो गई। मामले में परिजनों ने मरवाही के थाना प्रभारी एस इक्का पर चंद्रिका प्रसाद के साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। देर रात शव को मरवाही लाया गया और उसके बाद कल सुबह से ही पूरे मरवाही इलाके में गहमागहमी का माहौल रहा। परिजन और स्थानीय लोगों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया। उसे थाने में लाकर प्रदर्शन और चक्का जाम कर दिया। कुछ देर बाद बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू भी मौके पर पहुंच कर धरना प्रदर्शन दिया। मरवाही में गहमागहमी को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त बल मंगा लिया था। मरवाही पूरा छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

गुस्साये लोगों ने किया थाना प्रभारी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग

मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तत्काल एसपी बिलासपुर को दोषी थानेदार के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। उसके बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और लोग थाना प्रभारी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग में चक्का जाम पर बैठे रहे। चक्का जाम में स्थानीय लोगों के साथ भाजपा कार्यकर्ता और बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू भी घंटों सड़क पर बैठे रहे। शाम होते-होते पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मरवाही थाना प्रभारी के खिलाफ थाने में अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिसके बाद मामला शांत हुआ और परिजन और पुलिस शव को लेकर मरचुरी पहुंचे। जहां पर वीडियोग्राफी और डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। उसके बाद शव का अंतिम संस्कार कराया गया। वहीं मामले में पुलिस अधीक्षक ने कोटा एसडीओपी अभिषेक सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाकर मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।