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हादसे से बेखबर बोटिंग करने निकले बच्चे, पानी में पलटी बोट

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Oct 20, 2018

संतोष राजपूत : छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी डोंगरगढ़ में गुरुवार को हुए हादसे ने पूरे शहर को गमगीन कर दिया तो वही डोंगरगढ़ के इतिहास को भी बदल कर रख दिया है पूरा मामला महावीर पारा में स्थित  महावीर तालाब का है जहाँ दोपहर 3 बजे के आस पास महावीर तालाब की सफाई करने लाये छः नम्बर के नीले पैडल बोर्ट में पांच नाबालिक बच्चे जुनैद 12 वर्ष , तेजू 11 वर्ष , बाबू भाटिया 11वर्ष , नौसाद13 वर्ष व पुनाराम पटेल 14 वर्ष के नाबालिक बच्चे हादसे से बेखबर बोटिंग करने लगे और बोर्ट में खेलने लगे एक दूसरे पर पानी फेकते रहे उसी दौरान बोर्ट पलट गया जिसमें पांच मासूम तालाब में गिर गए पर गनीमत रही कि उस वक्त बोट में सवार पुनाराम पटेल 14 वर्षीय की सूझ बूझ ने अपनी जान ही नही बचायी बल्कि तीन बच्चे को भी बचाया पर खंडूपरा के 11 वर्षीय तजिंदर उर्फ बाबू भाटिया पानी मे नही दिखने की वजह से नही बचा पाया। वही ये हादसा और बड़ा हो सकता था पर पीपरखार से मेल देखने अपने भाई के घर आये पुनाराम पटेल को तैरना आता था जिसने अपनी ही नही अपने तीन अनजान साथी की जान बचाई। 

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुच पानी मे दुबे बाबू को मछुवारो की मदद से खोजने का काम किया पर घण्टो की खोजबीन के बाद भी बाबू कोई अटपटा नही मिल पाया पर अंधेरा होने के कारण खोजबीन का काम जारी बंद कर दिया गया पर मौजूद अनुविभागीय अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा, एस डी ओ पी मणिशंकर चंद्रा, सीएमओ आशीष तिवारी ने लाइट की व्यवस्था कर तालाब रोशनी कर फिर सर बाबू को ढूंढने का खीजने का कार्य शुरू हुआ।

 पूरे छत्तीसगढ़ में नवरात्रि पर प्रशासनिक व्यवस्था व गोताखोर, एन डी आर एफ की टीम अन्य जगहों पर तैनात होने की वजह से डोंगरगढ़ आने में हो रही देरी से मृतक के परिवार वाले नाराज आये और प्रशासनिक व्यवस्था से अनजान तत्काल बाबू को खोजने की मांग कर मौजूद अधिकारियों पर दबाव बनाते रहे। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर रह खोजबीन का कार्य करवाते रहे आखिरकार रात 2 बजे दुर्ग की टीम पहुची ओर घण्टो की खोजबीन के बाद 4 बजे के आसपास तजिंदर उर्फ बाबू भाटिया का शव निकाल लिया गया। जिसकी पहचान कर शव का  पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को शॉप दिया गया। 

डोंगरगढ़ को शोक में डालने वाले हादसे को देखने बड़ी संख्या में लोग आते रहे। वही अनुविभागीय अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा, एस डी ओ पी मणिशंकर चंद्रा, सीएमओ आशीष तिवारी सहित अन्य प्रशानिक अधिकारी हादसे के बाद से ही रात भर मौके पर रह कर एक्सपर्ट गोताखोरों की व्यवस्था के लिए प्रयास करते रहे और किसी भी तरह से बाबू को खोजबीन का कार्य जारी रखे। ओर आखिर कर बाबू को खोजने में कामयाबी मिली।