Nov 27, 2017
रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सवारी सफारी अब रिटायर हो गई है। उसकी जगह जापान की मित्सुबिशी कंपनी की पजेरो ने ली है। सबसे खास बात यह है कि चौथी पारी के लिए डॉ रमन ने अपनी गाड़ी का नंबर 0004 चुना है।
कहा जा रहा है कि ज्योतिष की सलाह पर पजेरो का नंबर 0004 लिया गया है, लेकिन सीएम के 10 करोड़ वाली लग्जरी पजेरो गाड़ी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इसे फिजूलखर्ची बताया है।
अभी तक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह टाटा सफारी पर सफर करते रहे, लेकिन चुनाव के 1 साल पहले वो 50 लाख की कीमत वाली पजेरो में सवार हो गए हैं। न सिर्फ सीएम बल्कि उनका काफिला भी लग्जरी सेगमेंट की इस पजेरो में ही चलेगा।
सीएम के काफिले में चलने वाली पजेरो की संख्या 16 है। मुख्यमन्त्री की सुरक्षा की दृष्टि से इन पजेरो काफिले का संचालन गुप्तचर विभाग करेंगे। इसके पहले राज्य गैराज के द्वारा गाड़ियों का संचालन किया जाता था।
कांग्रेस नेता रमेश वर्ल्यानी ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि जहां प्रदेश में सूखा है, कर्मचारी हड़ताल पर है, वहां सरकार के मुखिया विलासता में है। कांग्रेस नेता ने ज्योतिष की सलाह पर गाड़ियों के नंबर लेने का भी आरोप लगाया है।
उधर भाजपा प्रवक्ता श्रीचंद सुन्दरानी का कहना है सीएम के काफिले की गाड़ियां पुरानी हो गई थी। इसलिये नई गाड़ियां ली गयी है। उन्हें नहीं लगता ज्योतिष की सलाह पर गाड़ी का नंबर तय किया है।
जबकि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अपनी नई पजेरो गाड़ी और उसके नये नंबर पर उपजे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। रमन ने कहा कि अगली बार गाड़ी खरीदूंगा तो कांग्रेस से पूछ कर ही गाडियों का नंबर तय कर लूंगा।
उन्होंने कहा कि मैं तांत्रिक या ज्योतिषियों की बात पर भरोसा नहीं करता। जो नंबर आरटीओ तय करता है, वहीं मेरे लिए लकी हो जाता है।
खैर सीएम के इस पजेरो विवाद का अंत फिलहाल इस चुनाव तक चलता रहेगा।
सवाल ये है कि सूखे से प्रभावित छत्तीसगढ़ और बदहाल स्वास्थ्य व शिक्षा के बीच सीएम का 10 करोड़ वाला लग्जरी पजेरो कितना जायज है और 0004 नंबर सीएम के लिए लकी साबित होता या नहीं।