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पेंड्राः छात्राओं से व्यवस्था शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की मिली शिकायत

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Apr 3, 2019

बालकृष्ण अग्रवाल- छत्तीसगढ़ के एकमात्र शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय पेंड्रा में  प्रशिक्षण ले रहे छात्राओं से व्यवस्था शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत सामने आई है। साथ ही छात्राओं ने महाविद्यालय स्टॉप पर अभद्रता पूर्ण व्यवहार करने एवं गाली-गलौच करने का आरोप लगाया है। संस्था के प्राचार्य ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए मामला पूर्व प्राचार्य का होना बताकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं प्रशासनिक अधिकारी शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले की विभागीय जांच कराने की बात कह रहे हैं।

गद्दे, तकिए और तखत के नाम पर 5500 रुपए तक की वसूली

छात्राओं से लेकर शिक्षकों को शारीरिक शिक्षा में बीपीएड और डीपीएड की डिग्री देने वाले छत्तीसगढ़ के एकमात्र महाविद्यालय पेंड्रा इन दिनों अनियमितताओं और अवैध वसूली का अड्डा बन गया है। यहां प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षणार्थियों से हर वर्ष व्यवस्था शुल्क के नाम पर या कभी गद्दे तकिए और तखत खरीदने को लेकर 2000 से 5500 तक की वसूली की गई। ये वसूली एक दो छात्राओँ के साथ नहीं बल्कि संस्था में हर वर्ष अध्ययन कर रहे 80 से ज्यादा छात्राओं के साथ हुई। छात्राओं ने आरोप लगाया कि एडमिशन लेते वक्त ही उनसे यह शुल्क लिया गया था और कहा गया था कि अभी गद्दे तकिये और तख्त के लिए पैसा नहीं है। जब सत्र खत्म होगा और सरकारी पैसे आएंगे तब आपको रुपए वापस कर दिए जाएंगे।

छात्राओं के साथ करता है स्टाफ अभद्रता पूर्ण व्यवहार

ऐसा सभी छात्राओं से 2 वर्ष के कोर्स में 2 बार लिया गया। पर सत्र खत्म हुए एक साल हो गए। किसी को पैसे वापस नहीं किए गए। साथ ही नए छात्राओं से भी उन्ही गद्दे तकिए और तखत के नाम पर 5500 रुपए तक की वसूली कर ली गई। मामला अवैध वसूली तक ही होता तो ठीक था। छात्राओं ने प्रबंधन पर जो आरोप लगाए हैं वह अत्यंत गंभीर हैं। छात्राओं का कहना है कि यहां का स्टाफ उनके साथ अभद्रता पूर्ण बात करता है और उन्हें गाली देकर संबोधित करता है।  महाविद्यालय प्रशासन ने शिक्षा विभाग से विभगीय प्रशिक्षण लेने आए शिक्षकों को भी नहीं बख्शा और उनसे भी व्यवस्था शुल्क के नाम पर रुपयों की वसूली कर ली।

संस्था के प्राचार्य ने छात्रों से की जा रही अवैध वसूली पर की अनभिगज्ञता जाहिर

महाविद्यालय प्रशासन पर लगे इन आरोपों के अलावा आरोप ऐसे भी हैं कि यहां पदस्थ शिक्षक प्रशिक्षक और विभाग आना जाना करते हैं मामले की शिकायत जब अनुविभागीय अधिकारी को हुई तो उन्होंने भी इस का औचक निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध वसूली करने की शिकायत छात्राओं ने की है। मैंने उनसे लिखित शिकायत मांगी उसके बाद जांच की जाएगी और विभाग को कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा। वहीं संस्था के प्राचार्य ने छात्राओं से की जा रही अवैध वसूली की शिकायत पर पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इसे पुराने प्रिंसिपल का मामला कहकर खुद को मामले से अलग कर लिया। अब उनको पैसा वापस होगा या नहीं होगा इस पर भी उन्होंने किसी भी प्रकार कि कोई जानकारी होने से इंकार करते हुए पल्ला झाड़ लिया।