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रात में भी जारी रखी हडताल, प्रशासन के दबाव से भी नही डरे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

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Apr 3, 2018

राजनांदगाँव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर के सामने देर रात तक अंधेरे में बगैर किसी सुरक्षा बंदोबस्त के धरने पर बैठ गए है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं नक्सल इलाके से है अब उन्हें अपनी असुरक्षा के साथ परिवार की चिन्ता सता रही है और अब दिन और रात हड़ताल पर बैठने की बात कह रहे है। 

बता दें कि लगातार 29 दिनों तक अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटकने जैसे स्थिति हो गयी हैं। कुछ दिनों पहले आंदोलनकारी आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार थे। वहीं दूसरी ओर हड़तालियों को बर्खास्तगी का अल्टीमेटम शासन की ओर से हड़तालियों को दिया गया। अब तक 227 को बर्खास्त भी कर दिया गया है वहीं हड़ताल कर रहे सहायिकाओं का कहना है की सरकार जब तक मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक हड़ताल रात और दिन चलती रहेगी साथ ही कहा की नक्सल क्षेत्र से यहाँ पर प्रशासन को अवगत करने के बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है 

राजनादगांव के साथ पूरे प्रदेश भर में अपने छह सूत्रीय मांगो को लेकर आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओ द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है वहीं जिले के आंगनबाडी कार्यकर्ता पिछले 29 दिनो से अनिश्चित कालीन हडताल पर सफर कर रहे हैं।  

मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगाव जिले के 1242 आगनंबाडी कार्यकर्ताओ ने काम बंद कर दिया है और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है जिसके बाद प्रशासन ने जिले के अध्यक्ष और सचिव को निलंबित करने के आदेश के बाद बड़ी कार्यवाही करते हुए जिले के 227 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए है, जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के निश्चितकालीन हड़ताल में जाने से आंगनबाड़ी केन्द्रो की व्यवस्था पूरे तरीके से चौपट हो गई है पिछले 29 दिनों से आंगनबाड़ी केन्द्रो में ताले लटके हुए है, साथ ही 85 हजार से अधिक नौनिहालों को पौष्टिक आहार तक नहीं मिल रहा है गर्भवती महिलाओ एवं धात्री माताएं योजनाओ से पूरी तरिके से वंचित है।

जिले में कुल 2882 आंगनबाड़ी केंद्र है 1242 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 1188 सहायिका पदस्थ है ,बहरहाल इस हड़ताल से जिले के हजारो बच्चे जो आंगनबाड़ी स्कूल में पढ़ते है इन बच्चो का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है साथ ही रेडी टू ईट जैसे सरकार की महत्वकांक्षी योजना से पूरक पोषण आहार भी लोगो तक नहीं पहुंच रहा है।