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अम्बिकापुरः दिव्यांग नवविवाहिता के साथ हैवानयित की हदें की पार दहेज लोभियों ने

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Apr 18, 2019

राम कुमार यादव- सरगुजा जिले के लुण्ड्रा इलाके में महिला उत्पीडन का मामला सामने आया है। जहां महिला को दहेज के लिये कुछ इस तरह प्रताडित किया गया कि सुनकर शादी विवाह पर से आपका भरोसा उठ जाएगा। मामला जिले के लुण्ड्रा थाना क्षेत्र का है। जहां ससुराल वालों ने एक दिव्यांग नवविवाहिता के प्राइवेट  पार्ट में पेचकस  से कई वार किए। जिसके बाद से विवाहिता की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं इस दिल दहला देने वाली घटना पर कोतवाली थाना मे ससुराल वालों के खिलाफ अपराध कायम कर लिया गया है।

हाथ पैर बांध कर शरीर के नीचले हिस्से के दोनों प्राइवेट  पार्ट में पेचकश से कई बार किये वार

अम्बिकापुर के मायापुर में  रहने वाली नवविहाहिता का निकाह कुछ सालों पहले लुण्ड्रा के रहने वाले मोहम्मद सहबाद मंशूरी से 2016 में हुआ था। जिसके बाद ससुराल वालों की दहेज की मांग और बीमार पड जाने के कारण इलाज के लिए मायके वालो ने उसे अम्बिकापुर बुला लिया। कुछ ही दिन में ससुराल वाले उसको लेने घर ना जाकर महिला थाना पहुंच गए। उस दौरान तो महिला थाना की समझाईस से मामला बन गया और पीडित ससुराल वालों के साथ अपने ससुराल लुण्ड्रा चली गई। अब जो मामला सामने आया, उसने समाज में फैली दहेज जैसी कुरीतियों पर फिर सवाल खड़ा कर दिया है, क्योंकि इस बार दहेज के लालची ससुराल वालों पर हैवानियत इस कदर सवार थी कि ससुराल वालों ने कान और जुबान से दिव्यांग विवाहिता के पहले हाथ पैर बांध दिए। फिर उसके शरीर के नीचले हिस्से के दोनों प्राइवेट  पार्ट में पेचकश से कई बार वार किया।

महिला की हालत दयनीय

घटना कितनी दर्दनाक और खौफनाक रही होगी, ये बेबस पिता की लड़खड़ाती जुबान और न्याय की गुहार साफ कह रही है। इधर इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद आनन-फानन में पीडित को अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत दयनीय बनी हुई है। फिलहाल घटना की गंभीरता को देखते हुए लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के मामले की एफआईआर अम्बिकापुर कोतवाली में दर्ज कर ली गई है। आगे की जांच कार्यवाही और गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पुलिस ने डायरी लुण्ड्रा पुलिस को सौंप दी है। 

बहरहाल कान और जुबान से दिव्यांग विवाहिता का दर्द तो शायद वो लफ्जों में बयां नहीं कर सकती, लेकिन ऐसे मामलो में उन लोगों के मुंह जरुर खुलने चाहिए जो समाज का दर्द समझने की गारंटी लेकर समाज के ठेकेदार बन जाते हैं। एक दिव्यांग के साथ हुई ये घटना कोई मामूली या माफ कर देने वाली घटना हर्गिज नहीं हैं।