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रायगढ़ः शासकीय प्राथमिक शाला में हुई डिटिजल क्लासरूम प्रोजेक्ट की शुरूआत

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Dec 18, 2019

शासन की पहल पर शासकीय प्राथमिक शाला विजयपुर में डिजिटल स्कूल के लिए डिटिजल क्लासरूम प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर संवित मिश्रा, प्राचार्य ओपी जिंदल स्कूल आर.के.त्रिवेदी एवं अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर सहायक कलेक्टर संवित मिश्रा ने डिजिटल क्लासरूम का उद्घाटन किया। सहायक कलेक्टर संवित मिश्रा ने कहा कि डिजिटल क्लास रूम शिक्षा का उत्तम माध्यम है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कालेज में पढ़ाई एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए पढ़ाई करने का मौका मिला, जिसके अच्छे परिणाम रहे। उन्होंने कहा कि जो शिक्षा एवं बातें दृश्यात्मक रूप में हमें दिखाई देती है, उससे हम ज्यादा समझ पाते है। उन्होंने बच्चों से कहा कि इंटरनेट शक्ति युग एवं डिजिटल लर्निंग का फायदा उठायें और सीखते रहें।

आगे बढऩा के लिए कम्प्यूटर है जरूरी

प्राचार्य ओपी जिंदल स्कूल आर.के.त्रिवेदी ने कहा कि हमारे जिले के चुनिंदा विद्यालयों में से इस विद्यालय का चुनाव किया गया है। इसलिए ये बच्चे भाग्यशाली है। छतीसगढ़ शासन की पहल पर ह्यूमाना पीपल टू पीपल इंडिया एवं माइक्रोसाफ्ट के प्रयासों से शिक्षा के लिए डिजिटल क्लास रूम आरंभ किया गया है। निश्चित ही यह कदम सफलता के नये सोपान हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में ओपी जिंदल स्कूल की ओर से किसी प्रकार की ट्रेनिंग या सम्मेलन में योगदान दे सकें तो खुशी होगी। उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर जिंदगी में आगे बढऩा है तो कम्प्यूटर पर ध्यान देना होगा।

डेनमार्क के स्नोरे वेस्टगार्ड ने बच्चों से मिलकर जाहिर की खुशी

डेनमार्क के स्नोरे वेस्टगार्ड ने बच्चों से मिलकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बच्चे काफी सक्रिय है और अच्छी तरह सीख लेंगे। रूसेन कुमार फाउंडर इंडिया सी.एस.आर. नेटवर्क ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि देश भर में दूरस्थ अंचलों में कार्य करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार महत्वपूर्ण है और इस दिशा में यह एक क्रांतिकारी शुरूआत है। इस पहल से दूसरी संस्थाओं को भी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर ही बच्चों को सही एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की आवश्यकता होती है। ह्यूमाना नेशनल पार्टनरशिप टीम के सदस्य चंदन वर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से शाला त्यागी बच्चों को स्कूल में लाकर उनमें पढ़ाई के प्रति रूचि जाग्रत की जायेगी। उन्होंने बताया कि 10 स्कूल में 100 शिक्षक होंगे जो कार्यक्रम संचालित करेंगे। जहां कम्प्यूटर लैब एवं अन्य सुविधाएं होंगी।