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विवाद के चलते गांव वालों ने परिवार का किया सामाजिक बहिष्कार

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Oct 22, 2018

डब्बू ठाकूर : शादी की अफवाह फैलाने के बाद विवाद के चलते एक परिवार को उसी के परिवार के लोग व गांव वालों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। मामला कोटा थाना अतंगर्त ग्राम शिवतराई गांव का है। जहां शनिवार को एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मौत के बाद गांव का कोई भी सदस्य मृतक के घर नहीं पहुचे। जिसकी सूचना कोटा थाना के एसडीओपी अभिषेक सिंह को फेसबुक से मिली प्रियंका शुक्ला सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले से जोड़ी वीडियो फेसबुक पर अपलोड किया था जिसे देख कर कोटा sdop ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए कोटा थाना प्रभारी कृष्णा पाटले व पुलिस टीम लेकर गांव पहुँचे और  सामजिक कार्यकर्ता व महिला बाल विकास विभाग और कोटा के पत्रकारों ने मिलकर मृतका का अंतिम संस्कार कराया।

शिवतराई गांव निवासी मृतक जगौतीन बाई पोर्ते की भतीजी की शादी की अफवाह घोंघाडीह निवासी महेन्द्र बंजारे द्वारा फैलाई गई थी। और पूरे गाँव मे शादी का पोस्टर चिपका दिया था। जिसके बाद गांव वालों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया। रुढिवादियों ने मृतका के परिवार वालों को पानी से लेकर रास्ता तक में पाबंदी लगा दिया था। मृतका जगौतीन बाई पोर्ते की भतीजी ने बताया कि बीते डेढ़ वर्ष पहले से यहां के लोगों के द्वारा परेशान किया जा रहा है। साथ ही कई प्रकार की पाबंदियों के कारण घर में कैदी के रुप में जीवन जीने के लिए विवस कर दिया है।

पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता सहित पत्रकार बने सहारा

रुढिवादी विचार धारा के लोगों के द्वारा आये दिन, मृतका के परिजनों को परेशान करने से सदमें में उसकी मौत हो गई। मौत के बाद 24 घंटे तक उसके घर में कोई नहीं पहुंचा। जब इस बात की भनक कोटा sdop को लगी तो, मौके पर टीम के साथ आकर, अंतिम संस्कार के लिए कफन से लेकर पूरी व्यवस्था कराई। इसके साथ ही बिलासपुर के एक संस्थान के कार्यकर्ता के साथी सखी सेंटर के भी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

थाने में शिकायत के बाद भी नही की गई कार्रवाई

पीडिता सुनीता पोर्ते ने बताया कि परिवार के सदस्यों के साथ ग्रामीणों के इस दुर्व्यवहार की शिकायत उसने थाने में दर्ज कराई थी। मगर थाने से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। शादी का गलत अफवाह फैलाने वाले दोषी आज भी खुले आम घूम रहे है। वहीं घटना के बाद सुनीता पोर्ते सदमें में है। हलांकि मौके पर आये अधिकारियों ने पीडित परिवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वसन दिया है।


रुढिवादी का दंश अभी भी कायम

शासन के द्वारा जहां शिक्षा के साथ सामाजिक सरोकार के लिए तरह-तरह की योजनाये चलाई जा रही है। इसके बावजूद भी समाज के कुछ रुढिवादी लोगों के द्वारा गलत तथ्यों को पेश करके लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे है। पुलिस प्रशासन के लाचार रवैये के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आज भी इसकी चेपट में है।