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जगदलपुर में झीरम हमले की पांचवी बरसी, 31 शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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May 26, 2018

जगदलपुर में झीरम हमले की पांचवी बरसी मनाई गयी, इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने बस्तर पहुंचे, सुबह स्व. महेंद्र कर्मा को उनके गृह ग्राम में श्रद्धांजलि देने के बाद सभी कांग्रेस के बडे नेता कड़ी सुरक्षा के बीच झीरम घटनास्थल पहुंचे और उन्होंने 2 मिनट का मौन धारण कर इस घटना में शहीद हुए 31 लोगो को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर बस्तर पुलिस ने जगदलपुर शहर से लेकर झीरम तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे। श्रद्धांजलि देने के बाद कांग्रेसियो ने आज से संकल्प यात्रा की शुरुआत की। संकल्प यात्रा के तहत कांग्रेसी प्रदेश के 90 विधानसभा में संकल्प शिविर कर आगामी चुनाव की तैयारी करेंगे। 

बता दें इसी तारतम्य में कांग्रेसियो ने  केशलूर ग्राम में सकंल्प यात्रा की पहली सभा की। बता दें कि 25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन य़ात्रा सुकमा गई थी वापसी के दौरान बस्तर जिले के दरभा झीरम घाट में नक्सलियो ने कांग्रेस के काफिले पर हमला बोल दिया था, जिसमे पूर्व केन्द्रींय मंत्री विघाचरण शुक्ल, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, आदिवासी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत 31 लोग शहीद हुए थे।

झीरम काण्ड को 5 साल हुए पूरे
25 मई 2013 को हुए देश के सबसे बडी नक्सली वारदातो में से एक झीरम काण्ड को आज 5 साल पूरे हो चुके है, पांचवी बरसी के मौके पर शहीदो को श्रंध्दाजंलि देने पंहुचे प्रदेश का कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष समेत बडे कांग्रेसी नेताओ ने इस घटना के 5 साल बाद पहली बार घटनास्थल पंहुचकर शहीदो को श्रंध्दाजंलि दी, इस मौके पर छत्तीसगढ प्रभारी पी.एल पुनिया ने कहा कि झीरम हमले के 5 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस आज से संकल्प यात्रा की शुरुवात झीरम से कर रही है, स्व. नंदकुमार पटेल के नेतृत्व मे शुरू हुए परिवर्तन यात्रा को पूरा करने इस यात्रा के नाम को बदलते हुए संकल्प यात्रा रखा है, जो प्रदेश के 90 विधानसभा में संकल्प शिविर के नाम से राज्य सरकार के नाकामी को बताते हुए चुनाव के लिए बुथ लेवल पर आगामी चुनाव की तैयारी करेगी।

पीसीसी अध्यक्ष ने एनआईए की जांच एजेंसी को बताया घटिया
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने झीरम हमले की जांच कर रही एनआईए की जांच एजेंसी को घटिया बताते हुए कहा कि इससे तो एक थर्ड क्लास थानेदार भी अच्छी जांच कर लेता। उन्होंने कहा कि दरभा थाने में दर्ज एफआईआर में हमले में षड्यंत्र की बात लिखी होने के बाद भी इस बिंदु पर एनआईए ने कोई जांच की ही नही। एनआईए के सरकारी दबाव के सवाल में बघेल ने कहा कि आज ऐसी कोई संस्था नहीं है जो दबाव में न हो। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अगर उनकी सरकार बनेगी तभी इस मामले की सही जांच होकर शहीदो को न्याय मिलेगा।

माओवादी घटनाक्रम के पीछे हो सकती है बड़ी साजिश
इस मामले में, कई तरह की जांच आज भी चल रही हैं झीरम में हुए माओवादी घटनाक्रम के पीछे साजिश की बातें भी बडे जोर शोर की जा रही हैं, आज इस घटनाक्रम को हुए पांच साल बीत गए हैं अब तक उस घटना से जुडे बडे माओवादी लीडरों की न तो गिरफ्तारी हो सकी हैं और न ही जांच एजेसियों की कोई रिपेार्ट सामने आयी हैं और सबसे बडी बात तो ये है कि आज भी माओवादियों की दहशत उस इलाकें से गुजरने वालों के चेहरे पर साफ दिखाई देती है।