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कांकेर : शासकीय स्कूल ने बनाई एक अलग पहचाऩ, लगातार परीक्षा परीणाम से बढ़ रहा है ग्राफ

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Jun 26, 2018

शासकीय स्कूल और नीजी स्कूल की तुलना में पालक अपने बच्चो को नीजी स्कूल में हि पढ़ाई करवाना चाहते है ताकी बच्चे का साल व्यर्थ न हो और परिक्षा परीणाम भी बेहतर हो परन्तू कोयली बेड़ा ब्लॉक के गोडाहूर गांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला अपनी शिक्षा व्यवस्था के नाम पर कांकेर जिला हि नही बल्की पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में एक अलग हि पहचान बनाई है कांकेर जिला का सबसे पिछड़ा हूआ क्षेत्र और नक्सप्रभावित क्षेत्र होने के कारण पालक इस स्कूल में अपने बच्चो को एडमिशन ही नही करवाना चहते थे परन्तू इस स्कूल के परीक्षा परीणाम का ग्राफ लगातार बढ़ने के कारण अब इस स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्रो की संख्या हर वर्ष बढ़ने लगी हैं।

छुट्टीयों में भी खुलते है स्कूल

वहीं गोडाहूर गांव के आस पास के गांव के छात्र तो इस स्कूल में पढ़ाई करने तो आते ही है साथ हि यहां से सैकड़ो किलोमिटर दूर स्थित राजनांदगांव जैसे दूसरे जिले से भी बच्चे पढ़ाई करने को आते है कारण है उत्कृष्ट पढ़ाई के साथ बेहतर नतीजे स्कूल का सबसे बड़ी खासियत यह साल के 12 महीने पढ़ाई होती है गर्मियों की छुट्टियों में भी यहां ताले नहीं लगते है सामान्य दिनों में छुट्टी मिलती है लेकिन गर्मी छुट्टी की क्लास में रविवार को भी कक्षाएं लगती है।

बच्चों की जरूरतो के हिसाब से खुल रही दुकानें

सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक रोज बारहवीं के छात्रों को गणित रसायन भौतिकी विज्ञान अंग्रेजी विषय पढ़ाने प्राचार्य अरुण कीर्तनिया स्वयं स्कूल पहुंचते हैं।सबसे अहम बात तो यह कि गर्मी कि छुट्टीयो के दौरान भी स्कूल में कक्षाऐं लगती है।जिससे नवम्बर माह तक कक्षा की पूरी पढ़ाई पूरी हो जाती है जिसके बाद परीक्षा पर पूरा फोकस दिया जाता है साथ कि किसी बिन्दू पर परेशानी हो रहे छात्रो को उस बिन्दू पर गहराई से समझाया जाता है गर्मी से बच्चों को तकलीफ ना हो इसलिए प्रबंधन ने अपने स्तर पर कूलरों की व्यवस्था की है कक्षा 12 बजे कक्षा छूटने के बाद शाम 5 बजे तक पढ़ाई करते हैं छात्रों को जरूरतों को देखते गांव में होटल फोटो कॉपी दुकान है पुस्तक दुकान बड़ी संख्या में खुलने लगी है वर्तमान में छोटे से गांव में 5 होटल का फोटो कॉपी दुकानों के अलावा स्टेशनरी दुकान खुल चुकी है।

दूसरे इलाके के बच्चे ले रहे यहां एडमिसन

गांव से दर्जनभर से अधिक छात्र पढ़ाई कर विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं इसके अलावा बेहतर शिक्षा और शिक्षकों के व्यवहार के कारण कांकेर जिले के संवेदनशील क्षेत्र गोंडाहूर के आसपास गांव के ही छात्र नहीं बल्कि यहां से लगभग 100 किलोमीटर दूर भानुप्रतापपुर इसके अलावा अन्य दूसरे से राजनांदगांव तक के बच्चे पहुंचकर एडमिशन ले रहे हैं पढ़ाई के मामले में इस स्कूल के छात्र अव्वल तो है हि साथ हि खेलकूद और संस्कृतिक कार्यक्रमो में भी छात्र काफी आगे है।

उत्कृस्ट शाला पुरूष्कार से सम्मानित स्कूल

वहीं इस स्कूल के छात्र दो बार मेरिट लिस्ट में स्थान हासील कर अपना और स्कूल का नाम रौसन किया है वहीं उत्कृष्ट परीक्षा परीणाम से प्रसन्न होकर प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिन्ह ने दो बार संस्था प्रचार्य को और बच्चो को सम्मनीत भी किया है साथ हि सन 2016 में स्वच्छ शाला अवार्ड और 2012 और 2017 में उत्कृस्ट शाला पुरूष्कार से शाला को सम्मानीत किया गया है स्कूल के आगे गार्डनींन्ग की व्यवस्था भी कि गई है जिससे अध्ययप् करने स्कूल पहुचे छात्रो का सोच-विचार तरो ताजा और शांतिपूर्ण रहें।