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मिट्टी के अवैध खनन से केलो नदी प्रदूषित, प्रशासनिक अधिकारी मौन

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Apr 23, 2018

रायगढ़ जिले में मिट्टी के अवैध खनन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता पर अब सवाल खड़े होने लगे है लगातार मिट्टी के अवैध खनन के जरिए न केवल केलो नदी को प्रदूषित किया जा रहा है बल्कि रेलवे के ठेके में भी धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है, जबकि खनिज विभाग छोटे से छोटे मामले में कार्यवाही करके अपनी उपस्थिति दर्शाता रहा है लेकिन करोड़ो के मिट्टी खनन के मामले में उसकी चुप्पी कई संदेहों को जन्म दे रही है।

इतना ही नही जिले की एकमात्र जीवन दायिनी कहे जाने वाली केलो नदी में मिट्टी पाटने के मामले में भी पर्यावरण विभाग केवल चेतावनी देकर कर्तव्यों को पूरा कर रहा है। इन दोनों मामलों में समाजसेवी संगठन सीधे-सीधे अधिकारियों पर एनजीटी के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

इनका आरोप है कि जिस प्रकार रेलवे के ठेके में मिट्टी का अवैध खनन करते हुए रेल लाइन के साथ-साथ केलो नदी को पाटा जा रहा है वह गलत है और इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। इनका आरोप है कि पर्यावरण की दृष्टि से मिट्टी का अवैध उत्खनन जंगलों को नुकसान पहुंचाता है और वहीं नदी में डालने से पानी का बहाव रूकने के अलावा बड़ी मात्रा में प्रदूषण भी फैलता है जो एनजीटी के नियमों के तहत बड़ी लापरवाही है।  इस मामले में खनिज विभाग तथा पर्यावरण विभाग के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर तो केवल इतना ही कहते हैं कि वे इसका संज्ञान लेकर संबंधित पक्ष को नोटिस जारी करेंगे लेकिन अवैध खनन को रोकने के लिए तत्काल कोई कदम उठाने के मामले में चुप्पी साध रहे हैं।