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कांकेरः चेक डेम का गुणवत्ताहीन निर्माण, निर्माण सामग्री के नाम पर फर्जी बिल  

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Mar 14, 2019

सुशील सलाम- कांकेर जिले के ग्राम सिंगारवाही में बनाए जा रहे चेक डेम निर्माण में भू संरक्षण विभाग द्वारा जंगल के पत्थर को ही चोरी कर डेम के निर्माण कार्य में इस्तेमाल कर रहा है। दरअसल डेम बनाने का उद्देश्य 25 एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करना है। यह डेम 10 लाख रुपये की लागत से निर्माण किया जा रहा है। लेकिन इस गुणवत्ताहीन निर्माण में न पर्याप्त पानी की व्यवस्था है और न ही मटेरियल की उच्च क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जो रेत, सिमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जितनी मात्रा में गिट्टी-पत्थर और छड़ का उपयोग किया है, उसके बनिस्बत नाम मात्र के छड़ का उपयोग किया गया है। इधर जंगल के ही पत्थरों का उपयोग कर मनमानी ढंग से पत्थर की चोरी कर डेम में प्रयोग में  लाया जा रहा है। इस कार्य में संलिप्त लोग जंगल के पत्थरों को इस्तेमाल कर फर्जी बिल लगाकर राशि गबन का कार्य बखूबी करते है। यह भू संरक्षण विभाग का पहला कार्य नहीं है इससे पहले भी बिते वर्ष में इसी ब्लॉक के मांडरादरहा गांव में बनाये गए  दो चेक डेम  में भी इसी तरह निर्माण कराया गया था। 

ऐसे ठेकेदार को पत्थरों का ठेका दिया गया, जिनके पास कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं

इस कार्य में मांडरादरहा पंचायत के रोजगार सहायक कुम्भकरण मरकाम और अजय यादव ने भी इस बात को कबूल किया कि जंगल के पत्थरों को  इकट्ठा कर निर्माण कार्य में लगाया जा रहा है और कांकेर के एक ऐसे ठेकेदार को जंगल के पत्थर व्यवस्था करने का ठेका दिया गया है जिनके पास न कोई कागजात है और न कोई प्रमाणित दस्तावेज है। इधर सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी श्याम सेवता ने भी घटिया निर्माण कार्य होने और बिना उचित संसाधन के निर्माण कार्य किये जाने की बात स्वीकार की है ।