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धमतरीः नीली स्याही से हारा लाल आतंक, नक्सल प्रभावित सिहावा विधानसभा में भारी मतदान

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Apr 19, 2019

लोकेश साहू- लोकतंत्र का महापर्व कहे जाने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। नक्सल प्रभावित सिहावा विधानसभा के मतदाताओं ने भी इस चुनाव में काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और बता दिया कि नक्सलियों का खौफ उन्हें अपने मत का प्रयोग करने से नहीं रोक सकता।

सिहावा में 76 फीसदी मतदाताओं ने डाले वोट

मतदाताओं में उत्साह के चलते इस विधानसभा में 76 फीसदी मतदान हुआ है जो कि अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। दरअसल कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सिहावा विधानसभा को नक्सल प्रभावित इलाका माना गया है। इस विधानसभा में 130 संवेदनशील मतदान केंद्र में से 29 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील नक्सल दृष्टि से माना गया था। चुनाव से करीब पखवाड़े भर पहले ही नक्सलियों ने बैनर पोस्टर लगाकर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था। इसके बाद खल्लारी के जंगल में सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई थी। नक्सलियों की सक्रियता के चलते ही राजनीतिक दल के नेता और जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में प्रचार प्रसार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। क्षेत्र में कहीं पर भी चुनावी माहौल दिखाई नहीं दे रहा था।

नक्सलियों ने किया था चुनाव बहिष्कार का ऐलान

ऐसे में कहा जा रहा था कि नक्सली खौफ का असर चुनाव में पड़ सकता है, लेकिन पुलिस प्रशासन ने भी नक्सलियों से निपटने और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए कमर कस ली थी। इलाके में पहले से तैनात जवानों के अलावा सीआरपीएफ की और कंपनियां बाहर से बुलाई गई थी। जिन्हें अति संवेदनशील मतदान केंद्रों में भारी संख्या में तैनात किया गया।

जवानों ने मतदाताओं को दी सुरक्षा

वहीं जंगलों में भी सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ था। जवानों से मिली पूरी सुरक्षा ने मतदाताओं में उत्साह भर दिया और वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने घर की दहलीज पार कर गए। सुबह से ही मतदान केंद्र में भारी भीड़ जुट चुकी थी। मतदाताओं बगैर किसी खौफ के अपने मत का उपयोग किया। जिसके चलते इस विधानसभा में 76 फ़ीसदी मतदान संभव हो पाया। आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में सिहावा विधानसभा में 68 फीसदी मतदान हुआ था लेकिन इस बार आठ फीसदी का इजाफा वोट प्रतिशत में हुआ है। जो कि दर्शाता है कि नक्सलियों का खौफ भी मतदाताओं को लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने से नहीं रोक सकता।