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मुंगेली जिले को ओडीएफ घोषित,जब की कई घरों मे शौचालय का निर्माण अधूरा

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May 2, 2018

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगो को खुले में शौच मुक्त करने के लिए गांव-गांव में शौचालय का निर्माण किया जा रहा है।

लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस मिशन की धज्जियां उड़ा रहे है कई अधिकारी तो ऐसे है जो अपने कार्य क्षेत्र को पहले ओडीएफ घोषित करने के लिए अधूरे पड़े शौचालय वाले क्षेत्रों को भी ओडीएफ घोषित कर रहे है लेकिन वहां शौचालय का निर्माण अधूरा पड़ा है और जो निर्माण हुए है वो गुडवत्ताविहीन निर्माण हुए है।

हम बात कर रहे है मुंगेली जिले के लोरमी विकासखण्ड की जहाँ के ग्राम पंचायत महामाई में कार्यक्रम आयोजित कर कैबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर से मुंगेली जिले को ओडीएफ घोषित कराया गया था लेकिन उसी गांव में लगभग 400 शौचालय स्वीकृत हुए थे जहाँ ग्रामीणों का आरोप है गांव में 70 से 80 शौचालय आज भी अधूरा पड़ा है जिसके बावजूद अधिकारियों द्वारा फर्जी आंकड़े के आधार पर सबसे पहले खुले में शौचमुक्त जिला मुंगेली को घोषित होने पर प्रधानमंत्री के हांथो रायपुर में अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया गया। 

जिस तरह से ओडीएफ घोषित करने के लिए शौचालयों का निर्माण कराया गया उसमे तो कई शौचालय ऐसे है जो खंडहर के रूप में तब्दील होते जा रहे है जब हमारी टीम ने महामाई पंचायत के आश्रित ग्राम डगनिया पहुंची तो ओडीएफ की सच्चाई सामने निकल कर आई इस गांव में 30 से 35 बैगा परिवार रहते है वहीं ग्रामीणों ने भी बताया कि हमारा शौचालय तो अधूरा पड़ा है और जो बनाये है उन्हें उनकी मजदूरी का भुगतान नही किया गया है।