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पुलिस ने लावारिस समझ कर दफनाया शव, परिजनों ने कब्र खोदकर निकलवाया

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Apr 22, 2018

राजनादगांव जिले के अम्बागढ़ चौकी थाना क्षेत्र के देवासुर गांव से गुमशुदा हुए शिक्षक के शव को पुलिस ने लावारिस समझ कर दफनाने के मामले में शिक्षक के परिजन ने परम्परा के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई तब जाकर आज मृतक शिक्षक के परिजनों को कब्र खोदकर परिवार वालों को शव सौंपा गया। वही परिजन ने पुलिस पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद भी पुलिस के द्वारा शव को लावारिस बताकर दफनाने का आरोप लगाया है।

परिवारवालों ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
दरअसल अम्बागढ़ चौकी के देवासुर गांव के रहने वाले मृतक शिक्षक नरेश जुरेशिया अचानक 17 अप्रैल को घर से लापता हो गया था जिसके बाद परिवार वालों ने मृतक शिक्षक के परिवार वालो से पूछताछ किया और रातभर आसपास में खोजबीन की बावजूद इसके नहीं मिलने पर मृतक की पत्नी ने अम्बागढ़ चौकी पुलिस में पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई जिसके बाद परिवार वालों को जब मिडिया, व्हाट्सप और पेपर के माध्यम से पता चला की मृतक नरेश की खबर व्हाट्सप और अखबारों में आयी है जिसके बाद परिवार वालो ने बसंतपुर पुलिस आकर मृतक की लाश को देने की बात कही लेकिन पुलिस वालो ने मृतक की शव को लावारिश समझकर दफना दिया था जिसके बाद परिवार वालो ने मृतक की शव को सौपने के लिए पुलिस से गुहार लगाई लेकिन कोई हल नहीं निकला जिसके बाद परिवार वालो ने इसकी लिखित शिकायत जिला प्रशासन को की।

मुक्तिधाम से कब्र खोदकर परिवार वालों को सौंपा शव
इसके बाद जिला प्रशासन ने मृतक के शव को आज सुबह 12 बजे मोहरा मुक्तिधाम से कब्र खोदकर परिवार वालों को सौंपा वहीं परिवार वालो का कहना है की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के बावजूद पुलिस ने शव मिलने के बाद परिवार वालो को सूचना नहीं दी और लावारिस बताकर शव को दफना दिया।

मृतक मानसिक रोगी
मृतक मानसिक रोगी था और परिवार वालो ने इस पूरे मामले की जाँच और मृतक के परिवारवालों को मुआवजा देने की बात कही। 

पुलिस का क्या है कहना
पुलिस का कहना है की मृतक नरेश पेशे से शिक्षक था और मानसिक रोगी भी था और मृतक बिना बताये घर से 17 अप्रैल को निकल गया था जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट अम्बागढ़ चौकी पुलिस ने दर्ज भी किया है मृतक नरेश 17 अप्रैल की रात को पनियाजोब रेलवे क्रंचिंग के पास घायल अवस्था में मिला था जिसको इलाज के लिए गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था और उपचार के बाद नरेश की मृत्यु हो गई और शव को दो दिन रखा गया लेकिन शव की शिनाख्त नहीं होने पर शव को लावारिश समझकर मोहरा मुक्तिधाम में दफना दिया गया था और परिवार वालो के द्वारा शव की मांग किये जाने के बाद आज शव को कब्र खोदकर निकाला गया और परिवारवालों को सौंप दिया गया है।

शव को लावारिस बताकर दफनाया कब्र में
बहरहाल पुलिस के द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के बाद भी शव को लावारिस बताकर दफनाने का अमानवीय चेहरा सामने आया है वही परिवार वाले दोषी पुलिस वालों पर कार्यवाही की मांग भी कर रहे है देखना यह है की पुलिस विभाग इस मामले में क्या कार्यवाही करती है।