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दुर्गः संविधान बचाओ रैली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह पहुंचे दुर्ग  

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Dec 24, 2019

आशीष तिवारी – दुर्ग में हुए संविधान बचाओ रैली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि राजनीतिक उद्देश्य के लिए कांग्रेस लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। इस मुद्दे को सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस के साथ-साथ टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई जैसे राजनीतिक दल अपनी खो चुकी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के इरादे से लोगों को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश इस साजिश को समझ चुका है। रमन ने कहा कि सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट लाखों शरणार्थियों के जीवन में खुशहाली लेकर आएगा। यह कानून नागरिकता छिनने वाला नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा आंदोलन करने वाली भीड़ यदि सीएए को ढंग से पढ़ ले, तो विरोध खत्म हो जाएगा

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि आंदोलन करने वाली भीड़ यदि सीएए को ढंग से पढ़ ले, तो विरोध खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नागरिकता को लेकर महात्मा गांधी ने कहा था कि जो लोग अल्पसंख्यक बनकर पाकिस्तान में रह रहे हैं, उन्हें कभी कोई तकलीफ हुई, तो हिन्दुस्तान में ऐसे पीड़ित लोगों को सहारा दिया जाएगा, उनकी वापसी कराई जाएगी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी कहा था कि ऐसे अल्पसंख्यकों के लिए कानून बनाया जाएगा। अब वहीं काम हो रहा है, तो विरोध क्यों होना चाहिए? रमन सिंह ने कहा कि नेहरू-लियाकत अली समझौता में भी स्पष्ट प्रावधान रखा गया था कि दोनों देश अपने अल्पसंख्यकों के हितों की चिंता करेंगे, लेकिन हिन्दू अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस समझौते के दौरान उस समय पाकिस्तान के कानून मंत्री रहे मंडल को बंगाल में शरणार्थी कैम्प आकर शरण लेना पड़ा था, उनकी मौत कैम्प में हुई थी। इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि पाकिस्तान के कानून मंत्री को शरण लेने की नौबत आई हो। 

कांग्रेस इसका केवल राजनीतिक उपयोग कर रही

एनआरसी को लेकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे सिर्फ असम में लागू किया गया था। देश में इसे लागू करने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसे लेकर हव्वा खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1945 में राजीव गांधी और 1995 में मनमोहन सिंह ने एनआरसी को लेकर ट्राई पार्टी एग्रीमेंट किया था। आसू, असम सरकार और केंद्र के बीच यह एग्रीमेंट किया गया था। यह वादा तो राजीव गांधी और मनमोहन सिंह ने किया था कि इसे लागू करेंगे। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया। अब प्रक्रिया को तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने लाया जा रहा है। कांग्रेस इसका केवल राजनीतिक उपयोग कर रही है।