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जगदलपुरः आन्ध्र, उडीसा और पश्चिम बंगाल से आये मूर्तिकारों ने बनाई ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा

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Sep 2, 2019

आशुतोष तिवारी- बस्तर में भी गणेश चतुर्थी का पर्व धुमधाम से मनाया जा रहा है। शहर में पहली बार आन्ध्र, उडीसा और पश्चिम बंगाल से पंहुचे कलाकार विघ्नहर्ता को अंतिम रूप देने में जुट गये हैं। वहीं शहर के गणेश समितियों ने भी विघ्नहर्ता की मूर्ति को विराजमान करने के लिए अपने-अपने अनूठी गणेश झांकियां भी तैयार कर ली है। हांलाकि पिछले वर्ष की तुलना में  इस वर्ष गणेश की प्रतिमाओं में मंहगाई की मार साफ देखने को मिल रही है। गणेश चर्तुथी का पर्व बस्तर में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भगवान गणेश जी की प्रतिमाओं से भरे बाजार में सभी श्रध्दालु अपने पंसदीदा गणपति बाप्पा की मूर्ति लेने बडी संख्या में पहुंच रहे हैं। पहली बार आन्ध्र, उडीसा और पश्चिम बंगाल से बस्तर पंहुचे मूर्ति कलाकारों ने खासतौर पर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है। इधर मंहगाई की मार मूर्ति बनाने के सामान में भी पड़ने से गत वर्षो की तुलना में मूर्तियों के दाम काफी बढे हैं।

बढ़ती मंहगाई की मार गणेश की प्रतिमाओं में भी आ रहा नजर

इधर श्रध्दालु भी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ईको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति लेने में जागरूकता दिखा रहे हैं, लेकिन बढ़ती मंहगाई की मार गणेश की प्रतिमाओं में भी लोगों को देखने को मिल रही है। श्रद्धालुओं का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में गणेश की प्रतिमाओं में भी काफी मंहगाई बढी है। शहर में कल रात तक जगह-जगह गणेश झांकिया स्थापित किया जाना है। शहर में तो हमेशा की तरह गणेशत्सव की धूमधाम दिखने लगी है, पर बस्तर में लगातार हो रही बारिश की वजह से ग्रामीण इलाकों में इस बार अपेक्षाकृत ठंडा माहौल हो सकता है।