Mar 4, 2019
जितेन्द्र सिन्हा- राजिम के त्रिवेणी संगम में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। 19 फरवरी से 4 मार्च तक चलने वाले मेले के अंतिम दिवस शिवरात्रि पर्व के पहले ही कुलेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का ऐतिहासिक भीड़ देखा गया। राजिम माँघि पुन्नी मेले के अंतिम दिवस महाशिवरात्रि पर्व के पहले दिन मंदिर में श्रद्धालुओं का ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिला। त्रिवेणी संगम में विराजित स्वयम्भू भगवान कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करने अंचल सहित दूर दराज से एक बड़े तादाद में श्रद्धालुओं को श्रद्धा भक्ति के साथ मंदिर में उमड़ते देखा गया।
भगवन राम ने रेत से की थी इस शिवलिंग की स्थापना
प्राचीन मान्यता व किदवंती अनुसार भगवान श्रीराम व माता सीता 14 वर्ष के वनवास काल के दरमियान राजिम नगरी से होकर गए थे। उक्त दरमियान राजा दशरथ की निधन की खबर लगते ही भगवान श्रीराम व माता सीता के द्वारा राजिम त्रिवेणी संगम के बीच रेत की बालुओं से शिवलिंग की स्थापना कर मृत आत्मा की शांति के लिए तर्पण किये थे। यही वजह है कि प्रदेश की प्रयाग नगरी के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त राजिम नगरी की आस्था अंचल सहित देश विदेश में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। आज महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही तकरीबन पखवाड़े भर चले मेले के अंतिम दिन संत महात्माओं व नागा साधुओं के द्वारा शौर्य प्रदर्शन करते हुये, नगर भ्रमण कर शोभा यात्रा निकाली गई। संतो के शाही स्नान करने बाद देर शाम 6 बजे मुख्य मंच में प्रदेश के राज्यपाल महामहीम आनंदीबेन पटेल के मुख्य आतिथ्य में समापन समारोह सम्पन्न होगी।