Loading...
अभी-अभी:

सुपेबड़ा में किडनी पीड़ितों की मौत का मामला बना सबसे बड़ा सियासी मुद्दा

image

Jun 20, 2018

गरियाबंद जिले के सुपेबड़ा में किडनी पीड़ितों की मौत का मामला अब प्रदेश में एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है कांग्रेस चुनाव से पहले रमन सरकार के विकास के सामने इसे एक बड़ी समस्या के रूप में दिखाने में जुट गई है यहीं कांग्रेस ने सुपेबेड़ा के रहवासियों के खिलाफ सरकारी साजिश का भी आरोप लगाया है।

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अपनी टीम के साथ सुपेबेड़ा का दौरा कर रमन सरकार बड़ा हमला बोला है बघेल का कहना है सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 64 मौत का होना बताया जा रहा है, जबकि गांव वालों के मुताबिक 170 लोगों की मौत हो चुकी है और तो और स्थिति इस कदर बेकाबू हो रही है कि आज 15 सौ आबादी वाले गांव में हर परिवार में एक किडनी पीड़ित है। 

सरकारी नलकूप से भी साफ पेयजल गांव वालों को मुहैय्या नहीं हो रहा है सुपेबेड़ा के साथ-साथ 12 गांवों में भी बड़ी संख्या में लोग किडनी की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं जबकि 64 गांवों की सर्वे रिपोर्ट में 40 गांवों में फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी लोग पी रहे हैं सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि गांव के लोगों का रायपुर आने पर अंबेडकर अस्पताल में मुफ्त में इलाज नहीं होता और उन्हें इलाज के लिए उड़ीसा या आंध्रप्रदेश जाना पड़ रहा है। बहुतों के जमीन-जायदाद इलाज में बिक गए, भूपेश बघेल ने सुपेबेड़ा की समस्या को राजकीय आपदा घोषित करने की मांग की है। बघेल की सरकार से मांग है कि वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात किया जाए, वहां अस्थाई अस्पताल खोला जाए, शुद्ध पेयजल के लिए नदी से पाइल लाइन बिछाई जाए।