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गरियाबंद सिंचाई विभाग की तानाशाही, मुआवजा दिए बैगर ही किसानों की भूमि पर किया अधिग्रहण

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Mar 11, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा : गरियाबंद सिंचाई विभाग की तानाशाही जिले के किसानों पर भारी पड़ती जा रही है, विभाग ने मुआवजा दिए बैगर ही किसानों की भूमि अधिग्रहण करके उसपर सालभर से काम भी शुरू कर दिया। जमीन छिनने ओर उसके बदले मुआवजा नही मिलने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

योजना के लिए दो साल पहले 63 करोड़ रुपये स्वीकृत

मामला देवभोग क्षेत्र में अमाड़ व्यपर्तन योजना से जुड़ा है, योजना के लिए दो साल पहले 63 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, सिंचाई विभाग ने काम करने के लिए माडागांव के 19 और करलामुड़ा के 8 किसानों की कुल 20 हैक्टेयर जमीन कब्जे में लेकर काम शुरू कर दिया है। काम शुरू हुए भी सालभर का समय बीत गया मगर किसानों को अबतक अधिग्रहित की गयी जमीन का मुआवजा नही मिल पाया।

15 दिन में मुआवजा दिलाने की मांग

बता दें कि देवानंद सोरी जैसे 8 किसान तो ऐसे है जिनकी पूरी जमीन विभाग ने अपने कब्जे में ले रखी है, पीड़ित किसानों ने देवभोग एसडीएम से मिलकर 15 दिन में मुआवजा दिलाने की मांग की है। मांग पूरी नही होने की स्थिति में सपरिवार कार्यस्थल पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।

रोजी रोटी का संकट

किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि जमीन ही उनकी रोजी रोटी का एकमात्र जरिया था मगर सिंचाई विभाग ने वह भी उनसे छीन लिया। उसके बदले में मुआवजा भी उनको नही दिया। जबकि बिना मुआवजा दिए जमीन अधिग्रहण करने का प्रावधान नही है। ऐसे स्थिति में उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं मामले में ना तो देवभोग एसडीएम कुछ बोलने को तैयार है और ना ही सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ कहने को राजी है।