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जिम्मेदारों ने शहर में पानी की किल्लत से किया इंकार, लोग हो र​हे परेशान

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May 25, 2018

महासमुंद की जनता एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रही है और जिम्मेदार शहर में पानी की किल्लत से इंकार कर रहे है जी हां, महासमुंद नगरपालिका के आधा दर्जन से ज्यादा वार्ड कई वर्षो से गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत झेल रहे है पर इन नागरिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जहां नागरिक जनप्रतिनिधि से लेकर उच्च अधिकारी तक फरियाद कर थक चुके है, पर कोई समुचित व्यवस्था आज तक नही हुई।

हजारो लोग प्रतिदिन पीने के पानी के लिए भटकने को मजबूर
भीषण गर्मी से जहां लोगों का जीना मुहाल है वहीं महासमुंद की आधी जनता इस तेज गर्मी में पानी की किल्लतों से जुझ रही है महासमुंद नगरपालिका के 30 वार्डों में लगभग 70 हजार नागरिक है जहां नगरपालिका 7 पानी टंकी और 5 टैंकरों के माध्यम से प्रतिदिन 60 लाख लीटर पानी पहुॅचाने का दावा करती है, पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है तीस वार्डो में से रेलवे क्रासिंग पार आठ वार्डों वार्ड नंबर 1,2,4,5, 9,11,12 और 13 के हजारो लोग प्रतिदिन पीने के पानी के लिए भटकने को मजबूर है।

गंदा पानी पीने से लोग परेशान
नगरपालिका के नियम के अनुसार सुबह 6 बजकर 30 मिनट से 7 बजे तक पानी नलों में दिया जाता है, पर हकीकत ये है कि बड़ी मुश्किल से दस मिनट ही पानी नलों के माध्यम से मिल पाता है कुछ इलाकों में पाइप लाइन नाली के अन्दर से होकर गुजरी है जिसके कारण वहां गंदा पानी आता है जिसे पीकर लोग बीमार पड़ रहे है जिन इलाको में नल में पानी और टैंकर नहीं पहुंचता है वहां नागरिक एक-एक बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर है लोगों का कहना है कि सालों से पानी के लिए वो परेशान है लेकिन जिम्मेदार आते हैं और देखकर चले जाते है किसी ने सुध लेने की कोई पहल नहीं की।
 
नगरपालिका के जिम्मेदारों ने बयां की अलग ही ​कहानी
विकास का दावा करने वाले नगर पालिका के जिम्मेदार इस पूरे मामले में अलग ही कहानी गढ़ रहे है और लोगों की समस्या को नकारते हुए शहर में पानी की समस्या से इंकार कर रहे है
गौरतलब है कि नगरपालिका के हजारों नागरिक हर साल गर्मी में पानी की किल्लत झेलते है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन द्वारा आज तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं किया गया, सवाल यह है कि जो जिम्मेदार समस्या को बया करती तस्वीरों को झुठला सकते है लोगों की समस्या से इंकार कर सकते है वो भला बूंद-बूंद के लिए तरसते लोगों तक क्या कभी पानी पहुंचा पायेंगे या फिर हर साल की तरह इस साल भी लोग पानी की जद्दोजहद में गुजार देंगे।