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जहर मुक्त खेती का हो सपना सकार, कार्यशाला में राजनांदगांव के सांसद हुए शामिल। 

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Apr 23, 2018

राजनांदगांव के गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में आज नवनियुक्ति कृषि स्नातक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियो ने जहर मुक्त खेती का हो सपना साकार और जहर मुक्त हो देश हमारा उद्देश को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला रखा गया जिसमे राजनांदगांव के सांसद अभिषेक सिंह ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। 

देश की अधिकांश खेती रासायनिक पद्दति से खेती कर रहे है जिसके कारण जमीन की उत्पादन क्षमता कम होती जा रही है जिसके लिए नवनियुक्ति कृषि विस्तार लगातार वर्कशॉप कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं इसी कढी मे आज राजनांदगांव के गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम मे हमर खेती जैविक खेती महा अभियान कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे राजनांदगांव और कबीर धाम के सैकडो कृषि विस्तार अधिकारियो के साथ कृषक भी मौजूद रहे। 

कार्यशाला मे रासायनिक युरिया से खेत मे होने वाले नुकसान को बताया साथ ही जीरो बजट मे जैविक खेती करने की पद्दति को बताया कि जैविक खेती से अनाज सब्जी भी स्वादिष्ट होती है इसे खाने से कोई नुकसान भी नही है होता है विस्तार अधिकारियो ने कार्यशाला के माध्यम से किसानो के बीच जाकर जहर मुक्त देश बनाने के लिए संकल्प भी लिया। 

इस कार्यशाला मे आये किसान रमेश साहू ने बताया की गौ मूत्र, गोबर, बेसन, गुड, टिला मिट्टी को मिलाकर डीपी बनाता जाता है और गुड, लसून, तंबाखू, धतूरे का पत्ती, सीता पत्ती, नीम पत्ता और फूडहर पत्ता मिलाकर जैविक दवाई बनाकर अपनी खेती बड़ी आसानी से करता है और इसका दाम भी और चीजो से अधिक मिलता है जिससे किसान बहुत खूश है। 

वही कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राजनांदगांव के सांसद अभिषेक सिंह ने कहा की हमारा देश कृषि प्रधान देश कहलाता है रासायनिक खेती से उत्पादन होता है पर जमीन की उत्पादन क्षमता कम करती जाती है जैविक दवाई का उपयोग करने से खेती शुन्य बजट से शुरूवात की जा सकती है। कृषि के क्षेत्र मे प्रयोग करने से ही किसान और समाज के बीच समन्वय बनाया जा सकता है वर्कशाँप होना ही काफी नही है हमे किसानो के बीच जाकर बताना और दिखाना होगा तभी किसान जल्द समझेंगे और इस जैविक खेती को अपनाएंगे। 

पहले बारीश अधिक होती या बारिश ना हो तो सुखा की मार और उत्पादन अधिक हो जाए तो कीमत मे किरावट आ जाती है और  इन सभी तरह से किसान को नुकसान होता है लेकिन छत्तीसगढ सरकार ने समर्थन मूल्य मे खरीदी सुखा राहत देकर किसानो की चिंता की और ये सब किसानो को लाभ दिया जिससे किसान खुश है। कम बजट मे खेती जैविक दवाईयो से खेती करने से देश और समाज का विकास होगा।