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ग्रामीणों की रंग लाई मेहनत, जलस्रोत को लकड़ी की पाईप लाईन डाल कर लाया गया गांव तक  

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May 15, 2018

कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड  के ग्राम पंचायत बेलिया के आश्रित ग्राम पलारीडांड़ के ग्रामीणों ने अथक मेहनत कर पहाड़ की चोटी पर स्थित जल स्रोत के पानी को लकड़ी की पाईप लाईन बनाकर गांव के पास लाकर जहां चाह वहां राह वाली कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है।

 
दरअसल सोनहत विकासखण्ड के वनांचल ग्राम पलारीडांड जो चारो ओर से जंगलो व दोनो ओर से पहाड़ो से घिरा है यहां लगभग 20 से 25 परिवार निवास करते है  वहीं इस गांव तक पहुंचने के लिए अच्छी सडक नही बन पाई है किसी को यहां पहुंचना है तो केवल अपने वाहनों से ही पहुंचा जा सकता है सड़क न होने के कारण लोग इस ग्राम तक बहुत कठिनाई से पहुंच पाते हैं।

 ग्राम पलारीडांड में सबसे ज्यादा समस्या पेयजल की है गांव में किसी के यहां कुआं भी नही है गांव में एकमात्र सरकारी हैंडपंप है जिसमें सोलर सिस्टम लगाया गया है लेकिन इसमें भी कुछ खराबी आ जाने के कारण यहां पर लोगों को पेयजल नही मिल पाता है वहीं दूसरी ओर गांव के स्कूल एवं आंगनबाड़ी के पास ही 3 हैंडपंप खनन कुछ समय पुर्व किया गया था लेकिन उन्हे सूखा बताया गया और सूखा होने के कारण उनमें हैंडपंप नही लगाया गया।

अब इस स्थिति मे गांव में भारी पेय जल संकट उतपन्न हो गया गांव के अधिकांश लोग बगल के ग्राम तंजरा में पेयजल के लिए जाते हैं जो कि पलारीडांड़ से लगभग 3 किलोमीटर दूर है ग्रामीणों की माने तो वर्तमान में लोग वहीं से पीने का पानी लाया करते है जिसके सहारे कुछ लोग पानी भरते है। 

भूजल से सूखी ग्राम पलारीडांड की धरती और वहां के ग्रमीण भले ही अपना स्वंय का कुआँ व अन्य साधन के लिए तरस रहे हो लेकिन प्रकृति ने उन्हें पेयजल के लिए अनुपम उपहार प्रदान किया है गांव से लगे पहाड़ के बीच से एक तुर्रा है जहाँ से मीठी जलधारा अनवरत बहती रहती है इस जल स्रोत के अलावा ग्राम में दूसरा कोई जल स्रोत उपलब्ध नही है जब ग्रामीण पेय जल हेतु शासन प्रशासन से बार-बार मांग करके थक गए तब अंतत: ग्रामीणों ने स्वयं की मेहनत कर पहाड़ की चोटी पर स्थित जल स्रोत के पानी को लकड़ी की पाईपनुमा आकृति में काट कर एक पाईप लाईन बनाई और लकड़ी के खंभों को ही बीच में पिलर की तरह सर्पोट देकर पानी का नीचे लाया और तब से यहां पर अनावरत पानी पहुंच  रहा है।

इसी पानी को ग्रामीण पीने के लिए अपने घरों पर ले जाया करते है हालांकि इस पानी को घर तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को 1 से 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी ही पड़ती है बहरहाल लकड़ी की पाईप लाईन से पानी की पतलीधार लोगों की प्यास जरूर बुझा रही है लेकिन ग्रामीणों को इसमें पानी भरने में काफी समय लगता है जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

एक ओर सरकार 14 साल बेमिशाल का दावा कर रही है लेकिन  पलारीडांड़ गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित ही है यहां की सबसे बड़ी समस्या पानी की है ग्रामीणों ने बताया की उनके द्वारा कई बार मांग की गई लेकिन न तो उनकी समस्या को किसी जनप्रतिनिधि ने ही सुना और न ही किसी अधिकारी ने पानी की समस्या के कारण ग्रामीण सरकार से बेहद रूष्ठ भी है लोगों की मांग है की जल्द से जल्द पेयजल व्यवस्था पर काम कराया जाए ताकि उन्हे दो से तीन किलोमीटर का सफर न करना पड़े