Feb 27, 2018
रायपुर। छात्तीसगढ़ में एक बड़े बैंक घोटाले का खुलासा हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने इस मामले का खुलासा दस्तावेजों के आधार पर किया है,जिसमें छत्तीसगढ़ जिला सहकारी बैंक सहित 4 निजी बैंकों में 5 सौ करोड़ से अधिक का कालाधन उजागर हुआ है। यह खुलासा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जाँच रिपोर्ट से हुआ है।
बीते 3 साल में नहीं हुई कार्रवाई...
आरबीआई ने 2015 में जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजीयक सहकारी संस्था को इस मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की थी, इसके बाद पंजीयक सहकारी संस्था ने आरबीआई की कार्रवाई अनुशंसा को प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ सहकारी बैंक को भेज दिया था, लेकिन बीते 3 साल में इस मामले कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुणाल शुक्ला का आरोप है कि 15 फर्जी बैंक खाते के जरिए प्रकाश इंडस्ट्रीज के खाते में 493 करोड़ रुपये जमा हुए। वहीं त्रिपति ट्रेडर्स के खाते में 55 करोड़ जमा हुए।
इन बैंकों के नाम हैं शामिल ...
जिन 4 निजी और एक जिला सहकारी बैंक में फर्जी खातों के जरिए मनी लॉड्रिंग का मामला सामने आया है उसमें एक्सिज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटेक महेन्द्रा बैंक और करुर वैश्य बैंक शामिल हैं।
मामले से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण बातें...
-Rbi की जांच रिपोर्ट में बोगस खातों से मनी लॉन्ड्रिंग का हुआ था खुलासा।
-2015 में RBI ने छत्तीसगढ़ सहकारी बैंक को कार्रवाई के दिये थे आदेश।
-Rti कार्यकर्ता को मिली जानकारी में 3 सालों में दोषियों पर नही हुई कार्रवाई।
-सहकारी पंजीयक अभिनाश चंपावत ने जनवरी 2015 को प्रबंधक सहकारी बैंक को कार्रवाई के लिए लिखा था पत्र।
-RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने pmo, cbi, acb, eow से की शिकायत।
-मीडिया से बात करते हुए कुणाल शुक्ला ने राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई नही करने के पीछे मिली भगत का लगाया आरोप।