Mar 18, 2018
कांकेर। शहर में गहराती पेयजल समस्या को दूर करने के लिए राज्य शासन ने 24.54 करोड़ रुपए की लागत से जल आवर्धन योजना को जून 2012 में स्वीकृति दी थी, जिसे तीन वर्ष में पूरा किया जाना था,लेकिन लोक स्वास्थ एवं यात्रिकी विभाग की लेट लतीफी के चलते पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी योजना पूरी नहीं हो सकी है।
एक वर्ष का समय और लगेगा...
विभाग के अधिकारियों की मानें तो कार्य को पूरा होने में अभी एक वर्ष का समय और लगेगा। 2013 को पहली बार विभाग की ओर से निविदा जारी की गई थी, लेकिन यह टेंडर बाद में निरस्त कर दिया, जिसके बाद कई बार निविदा जारी और निरस्त होता रहा।
आदेश जारी होने में ही लगा दो वर्ष...
दो वर्ष से अधिक समय के बाद 20 अक्टूबर 2014 को पहली बार शहर के नए पालिका बाजार व मुक्तिधाम में बनने वाली पानी की टंकी के लिए वर्क आर्डर जारी किया गया था, जिसके बाद अन्य दो पानी की टंकियों, इंटकवेल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व अन्य कार्य के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किया गया था, लेकिन कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। साथ ही योजना के तहत 200 केव्हीए व 315 केव्हीए का विद्युत सब स्टेशन भी बनाया जाना है। जिसकी शुरूआत भी अब तक नहीं हुई है।
इनका कहना है...
कार्य में हो रही देरी के संबंध में कार्यपालन अभियंता एसआर मंडावी ने कहा कि शुरूआत में तकनीकी कारणों व अधिक राशि होने के कारण कई टेंडर निरस्त हुए, वर्तमान में जल आवर्धन योजना का कार्य तेज गति से चल रहा है और एक वर्ष में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।