May 29, 2019
रवि गोयल : जांजगीर चाँपा के सक्ती उपजेल में हुई बन्दी हरियर दास महंत की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है,वहीं इस घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारी संदिग्ध मौत को प्राकृतिक मौत बनाने में लगे है,एक ओर जहां एक बूढ़ी मां का इकलौता सहारा इस दुनिया से दूर हो गया है वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी मामले को दबाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।
आपको बता दें की 20 मई को सक्ती का रहने वाला हरियर दास महंत को शराब के नशे में विवाद पर धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था,दो दिन बाद 22 मई को उसकी मौत की खबर जेल से बाहर आई। बेटे की मौत की खबर सुनते ही उसकी बूढ़ी मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। क्योंकि इस बुढ़ापे में उसका इकलौता सहारा उससे हमेशा के लिए दूर हो चुका था। आज भी हरियर की बेसहारा मां को उसके बेटे की मौत का विश्वास नही हो पा रहा है,उसका कहना है कि मेरा बेटा शराब जरूर पीता था मगर पूरी तरह से स्वस्थ था उसकी इस प्रकार मौत नहीं हो सकती। हरियर की मां ने अधिकारियों से मामले में न्याय की मांग की है।